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Fact Check
अमेरिकी बी2 बमवर्षक विमानों ने भारत के एयरस्पेस का इस्तेमाल कर ईरान पर हमला किया.
अमेरिकी बमवर्षक विमानों ने भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया था.
बीते 22 जून की अहले सुबह अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों फ़ोर्दो, नतांज़ और इस्फ़हान पर हमले किए और इसमें अमेरिकी सेना ने बी2 बमवर्षक विमानों का इस्तेमाल किया. अमेरिकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि अमेरिकी बी2 बमवर्षक विमानों ने भारत के एयरस्पेस का इस्तेमाल कर ईरान पर हमला किया.
हालांकि, हमने अपनी जांच में पाया कि अमेरिका के बी2 बमवर्षक ना तो भारत के एयरस्पेस में घुसे और ना ही वहां से कोई हमला किया. इतना ही नहीं अमेरिकी रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी डिटेल के अनुसार, बी2 बमवर्षक हमले के बाद भी भारतीय एयरस्पेस का इस्तेमाल कर वापस अमेरिकी एयरबेस पर नहीं लौटे.
गौरतलब है कि अमेरिका ने भारतीय समयानुसार सुबह 4 बजे के आसपास ईरान के तीन परमाणु ठिकानों फ़ोर्दो, नतांज़ और इस्फ़हान को निशाना बनाया. अमेरिकी पनडुब्बी की ओर से इस्फ़हान पर दो दर्जन टोमाहॉक मिसाइलें दाग़ी गईं. वहीं, फ़ोर्दो और नतांज़ पर बी-2 बमवर्षक विमानों ने कुल मिलाकर 14 मैसिव आर्डिनेंस पेनेट्रेटर (एमओपी) गिराए. इसके बाद बी-2 बमवर्षक विमान वापस अमेरिका लौट गए. इस हमले के बाद ईरान ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन बताया.
वायरल दावे को बी-2 बमवर्षक की एक प्रतीकात्मक तस्वीर के साथ शेयर किया जा रहा है. एक X अकाउंट से इस दावे को अंग्रेजी कैप्शन के साथ शेयर किया गया है, जिसमें लिखा हुआ है “अमेरिकी सेना ने ईरान पर हमला करने के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल किया. नई दिल्ली की चुपचाप की गई मिलीभगत अब उसे इतिहास के गलत पक्ष में ले गई है. ईरान इसे कभी नहीं भूलेगा”.

इसके अलावा, यह दावा पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर ने भी अपने X अकाउंट से शेयर किया.

अमेरिकी बी2 बमवर्षक विमानों द्वारा भारत के एयरस्पेस का इस्तेमाल किए जाने के दावे की पड़ताल के दौरान सबसे पहले हमें अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के X अकाउंट से 22 जून 2025 को लाइव किया गया प्रेस ब्रीफिंग मिला. जिसमें अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ और ज्वाइंट चीफ़्स ऑफ़ स्टाफ़ जनरल डैन केन ने ईरान के खिलाफ किए गए अभियान ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ की जानकारी दी थी.

करीब 31 मिनट की इस प्रेस ब्रीफिंग में कहीं भी इंडिया का नाम नहीं लिया गया था और साथ ही इस पूरे ऑपरेशन का जो मैप दिखाया गया, उसके अनुसार भी अमेरिका के बी2 बमवर्षक भारतीय एयरस्पेस में नहीं घुसे थे.

ज्वाइंट चीफ़्स ऑफ़ स्टाफ़ जनरल डैन केन ने इस दौरान बताया कि अमेरिकी समयानुसार शुक्रवार की आधी रात से शनिवार की सुबह तक संयुक्त राज्य अमेरिका के मुख्य भूभाग से बमवर्षक विमानों का एक बड़ा बी2 स्ट्राइक पैकेज लॉन्च किया गया और पैकेज का एक हिस्सा धोखा देने के लिए पश्चिम और प्रशांत महासागर की ओर बढ़ा. मुख्य पैकेज में सात बी2 बमवर्षक शामिल थे, जिनमें से प्रत्येक में दो क्रू मेंबर थे. 18 घंटे की उड़ान के दौरान विमानों ने कई बार हवा में ईंधन भरा और फिर ईरान में प्रवेश किया.
इन बमवर्षक विमानों के ईरान में प्रवेश करने से ठीक पहले सेंट्रल कमांड के क्षेत्र में तैनात एक अमेरिकी पनडुब्बी ने इस्फ़हान के परमाणु ठिकानों पर दो दर्जन से अधिक टोमाहॉक लैंड अटैक क्रूज मिसाइलें दागीं. इसके बाद बी2 बमवर्षक विमानों ने फ़ोर्दो एवं नतांज़ के परमाणु ठिकानों पर मैसिव ऑर्डिनेंस पेनेट्रेटर हथियार गिराए. हमले के तुरंत बाद बी2 बमवर्षक विमान ईरानी हवाई क्षेत्र से बाहर निकल गए.
जांच में हमें अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर 22 जून 2025 को प्रकाशित रिपोर्ट भी मिली. ऑपरेशन मिडनाइट हैमर की जानकारी देती इस रिपोर्ट में रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी किया गया हाई क्वालिटी रूट मैप भी मौजूद था.

मैप में दिखाया गया था कि बी2 बमवर्षकों ने सबसे पहले अमेरिका के वाइटमैन एयरफ़ोर्स बेस से उड़ान भरी. इसके बाद नार्थ अटलांटिक महासागर होते स्पेन और मोरक्को के मध्य जिब्राल्टर की खाड़ी के पास से होते अल्जीरिया, लीबिया, इजिप्ट, इजरायल, लेबनान, सीरिया एवं इराक के एयरस्पेस का इस्तेमाल करते हुए ईरान में घुसे. ठीक इसी रास्ते से सभी बी2 बमवर्षक विमान वापस अमेरिका भी पहुंचे.
इसके अलावा, भारत सरकार के प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो के फैक्ट चेक विंग ने भी इस दावे का खंडन करते हुए साफ़ कहा कि अमेरिका के इस ऑपरेशन में बी2 बमवर्षक विमानों ने भारतीय हवाई क्षेत्र का प्रयोग नहीं किया था.

जांच में हमें द वार जोन की वेबसाइट पर भी 22 जून 2025 को प्रकाशित डिटेल्ड रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में भी वही सब बी2 बमवर्षक विमानों के रूट के बारे में जानकारी दी गई थी, जो ऊपर मौजूद है.

हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि अमेरिकी बी2 बमवर्षक विमानों द्वारा भारत के एयरस्पेस का इस्तेमाल कर ईरान पर हमला किए जाने का वायरल दावा फर्जी है.
Our Sources
Press briefing at the Pentagon on June 22, 2025
Route Map released by US Department of Defense
X Post by PIB fact check on June 22, 2025
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