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सोशल मीडिया पर इन दिनों एक पोस्ट तेजी से शेयर की जा रही है। तस्वीर में एक रेलवे स्टेशन पर बना हुआ वाटर कूलर नजर आ रहा है। जिस पर ‘Who Is Hussain?, Drink Water Think Hussain’ लिखा हुआ है। इस तस्वीर को शेयर करते हुए यह दावा किया जा रहा है कि ये वॉटर कूलर दिल्ली के रेलवे स्टेशन पर लगाया गया है।
तस्वीर के कैप्शन में लिखा जा रहा है, “भारत के इस्लामीकरण की तैयारी, दिल्ली के रेलवे स्टेशन पर पानी पीने से पहले हुसैन के पास जाना जरूरी है। केजरीवाल क्या करने वाले हो, जनता पानी पीने के लिए हुसैन से आग्रह करेगी? ये करवाना चाहते हो?”
देश में घटी लगभग हर महत्वपूर्ण या चर्चित घटना को सोशल मीडिया पर कई तरह के दावों के साथ सत्य बताकर शेयर किए जाता है। सोशल मीडिया और WhatsApp Groups के माध्यम से सांप्रदायिक नफ़रत की एक बड़ी खेप हर दिन आम लोगों को परोसी जाती है। एडिटेड तस्वीरों और भ्रामक वीडियोज में व्यक्त विचारों की सहायता से लोगों के अंदर धार्मिक भावनाएं भड़काने का पूरा बंदोबस्त किया जा रहा है। इसी क्रम में रोजाना कई तस्वीरें और वीडियोज सोशल मीडिया पर शेयर किए जाते हैं।
पोस्ट से जुड़े आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।
Fact Check/Verification
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर से जुड़ा एक ट्वीट इंडिया टीवी के पत्रकार हुसैन रिजवी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर मिला। जिसे 5 मई 2018 को पोस्ट किया गया था। रिजवी ने इस तस्वीर को ट्वीट करते हुए कैप्शन में लिखा है, “Who Is Hussain नाम के एक ऑर्गनाइजेशन ने लोगों को पानी की सुविधा देने के लिए छत्तीसगढ़ के रायपुर रेलवे स्टेशन पर वॉटर कूलर लगाया।”
प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने कुछ कीवर्ड्स के जरिए गूगल सर्च किया। इस दौरान पता चला कि यह तस्वीर Who Is Hussain के इंस्टाग्राम अकाउंट पर 6 मई 2018 को पोस्ट की गई थी। तस्वीर के कैप्शन में दी गई जानकारी के मुताबिक, अली के बेटे हुसैन और उनके 71 साथियों को कर्बला के रेगिस्तान में 3 दिन तक पानी के बगैर रखा गया था। जिसके बाद उन्हें इसी तरह से प्यासा मार दिया गया था। उन्हीं की याद में लोगों की मदद करने के लिए इस ऑर्गनाइजेशन को बनाया गया था। इसी की एक ब्रांच भारत में भी है, जिसके वालेंटियर्स ने ये वॉटर कूलर रायपुर के एक रेलवे स्टेशन पर लगाया था।
Who Is Hussain इंग्लैंड बेस्ड रजिस्टर्ड एनजीओ है, जिसकी शुरूआत साल 2012 में हुई थी। ये ऑर्गनाइजेशन दुनिया के 90 शहरों में कार्यरत है। ये ऑर्गनाइजेशन लोगों को खाना बांटने से लेकर ब्लड डोनेशन जैसी सुविधा प्रदान करते हैं।
पड़ताल के दौरान हमें वायरल तस्वीर से जुड़ा एक ट्वीट TV9 भारतवर्ष के एडिटर समीर अब्बास के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर मिला। जिसे 12 मई 2018 को पोस्ट किया गया था। समीर ने वॉटर कूलर की दो तस्वीरों को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “इमाम हुसैन को यज़ीद की ज़ालिम फ़ौज ने 3 दिन का भूखा-प्यासा शहीद किया था। इसीलिए कहा जाता है Drink Water Think Hussain यानि आप पानी की अहमियत समझें, पर अफ़सोस इस बात का है कि कुछ कट्टरपंथियों को रायपुर स्टेशन पर एक NGO के लगाए प्याऊ पर हुसैन का नाम लिखा चुभने लगा और इसे ज़बरन हटा दिया। आख़िर ये कैसे लोग हैं? जिन्हें चिलचिलाती गर्मी में NGO के प्याऊ का ठंडा पानी और उस पर लिखा ये ख़ूबसूरत पैग़ाम नहीं दिखता। पर इमाम हुसैन के नाम से दिक़्क़त हो जाती है। समाज में ज़हर घोलने वालों को शायद ये पता नहीं कि हमारी मेल मोहब्बत और भाईचारे की जड़ें कितनी गहरी हैं। जय हिंद।”
Conclusion
हमारी पड़ताल में मिले तथ्यों के मुताबिक वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। तस्वीर दिल्ली रेलवे स्टेशन की नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के एक रेलवे स्टेशन की है। साल 2018 में Who Is Hussain नामक एक एनजीओ द्वारा ये वॉटर कूलर लगाया गया था। लेकिन पोस्टर को लेकर विवाद बढ़ने की वजह से इसे कुछ दिन बाद हटा दिया गया था।
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Result: False
Claim Review: दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लगे Who Is Hussain नाम के वॉटर कूलर। Claimed By: Abhishek Yadav Fact Check: False |
Our Sources
Twiiter –https://twitter.com/TheSamirAbbas/status/995204799653187584
Twiiter –https://twitter.com/TheHussainRizvi/status/992819547953684481
Instgram –https://www.instagram.com/p/BicFfQXjyYq/?utm_source=ig_web_copy_link
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