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महिला के साथ जबरन छेड़छाड़ करता वर्षों पुराना वीडियो क्लिप भ्रामक दावे के साथ हुआ वायरल

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गुजरात में बीजेपी नेता ने स्कूल में घुसकर महिला टीचर से छेड़छाड़ की। 

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फेसबुक पर संदीप राबडिया नामक अकाउंट से एक वीडियो शेयर किया गया है। जिसमें एक शख्स ऑफिस में खड़ी महिला को किस करते दिखाई देता है। पोस्ट में दावा किया गया है कि गुजरात में अजय राजपूत नामक भाजपा नेता ने स्कूल में घुसकर महिला टीचर से छेड़छाड़ की।
हमनें इस पोस्ट को लेकर पड़ताल शुरू की तो ट्विटर पर करीब दो महीने पहले शेयर किए गए इसी दावे वाले पोस्ट देखने को मिले।
गुजरात में भाजपा नेता अजय राजपूत ने महिला टीचर से की छेड़छाड़ इस कीवर्ड से गूगल खंगाला तो हमें साल 2015 में आजतक की वेबसाइट में प्रकाशित खबर मिली। खबर के मुताबिक गुजरात के तापी में एक बीजेपी कार्यकर्ता द्वारा कंप्यूटर टीचर के साथ जबरन किस करने का मामला सामने आया था। अजय राजपूत नामक यह कार्यकर्ता नवनिर्माण सेवा ट्रस्ट चलाता है।  इसके द्वारा महिला के साथ छेड़छाड़ करते हुए वीडियो वायरल भी हो रहा है। वह खुद को महुवा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक मोहन डोडिया का पीए बताता है।
जानकारी के मुताबिक, अजय जिस कथित समाज सेवी संस्था को चलाता है, वहां आदिवासी बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा दी जाती है। यहां एक आदिवासी लड़की बतौर टीचर काम करती है, जिसके साथ सरेआम किस करने का और छेड़छाड़ करने का आरोप अजय पर लगा है।
इसके अलावा उस समय मीडिया में आई खबरों में अजय राजपूत को भाजपा नेता बताया गया था। लेकिन हमें खोज के दौरान गुजराती समाचार पत्र दिव्य भास्कर में 31 मई 2015 को प्रकाशित एक खबर मिली। खबर में लिखा गया है कि भाजपा द्वारा प्रेस कांफ्रेस कर अजय राजूपत का पार्टी से किसी भी प्रकार का संबंध न होने की बात कही गई। अजय राजपूत ने भाजपा नेता होने का झूठा दावा किया है। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
इस बारे में एक लोकल चैनल की खबर का वीडियो मिला जिसमें कहा गया है कि अजय राजपूत का भाजपा से कोई संबंध नहीं है।
इससे साफ होता है कि यह मामला 2019 का नहीं बल्कि चार साल पुराना है। आरोपी गुजरात के तापी में एक एनजीओ चलाता था। उसका बीजेपी से कोई संबंध न होने की जानकारी भाजपा नेताओं ने उसी समय प्रेस कांफ्रेस से कर दी थी। उसके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की थी।
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 Result- Misleading

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After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

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