Claim-
मुंबई घोडबंदर हाईवे के पास फाउंटन होटल पर कोई हिंदू न जाए। होटल कर्मचारियों ने महिला और बच्चों सहित पूरे परिवार को हाॅकी स्टिक से दौड़ा-दौड़ाकर मारा। हिंदू परिवार पर हो रहा अत्याचार पुलिस और प्रशासन ने देखा लेकिन इन मुसलमान लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की।
Verification:
ट्विटर पर HIMMATBHANU नामक हैंडल से एक वीडियो शेयर किया गया है। इस वीडियो में एक होटल के कर्मचारी और कुछ लोगों के बीच विवाद होते नजर आ रहा है। ट्वीट में दावा किया गया है कि मुंबई के घोडबंदर रोड पर फाउंटेन होटल के कर्मचारियों ने एक हिंदू परिवार को बेरहमी से पीटा उन्होंने बच्चे और महिलाओं को भी नहीं छोड़ा।
होटल का मालिक और कर्मचारी मुस्लिम हैं। एक हिंदू परिवार पर इस तरह अन्याय होने से सभी हिंदूओं से निवेदन है कि इस होटल में कभी भी ना जाएँ क्योंकि प्रशासन और पुलिस ने भी होटल वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की।
हमनें इस ट्वीट को लेकर पड़ताल शुरू की। गूगल में इस कीवर्ड ‘घोडबंदर रोड पर होटल कर्मचारियों ने महिला और बच्चों सहित पूरे परिवार को पीटा’ से खोजा। लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। अलग-अलग कीवर्ड्स की मदद से खोज जारी रखी तो हमें न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर मिली।
खबर के अनुसार महाराष्ट्र के ठाणे जिले के घोडबंदर रोड पर स्थित फाउंटेन होटल पर कुछ स्थानीय युवक 6 अक्टूबर की रात को खाना खाने गए थे। वहां पर बाइक पार्किंग को लेकर युवकों और होटल के सुरक्षा कर्मचारियों के बीच विवाद हुआ। विवाद बढ़ने पर युवकों ने गांव वालों को बुला लिया। गांव वालों ने होटल पर हल्लाबोल किया इनमें कुछ महिलाऐं भी शामिल थीं।
इस दंगे में एक पुलिसवाले समेत 13 लोग गंभीर रुप से घायल हुए। एडिशनल एसपी संजय पाटिल ने मीडिया को जानकारी दी कि होटल के कर्मचारी और गांव वालों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
इंडिया टीवी की वेबसाइट पर भी यह खबर प्रकाशित हुई थी। यहाँ भी बाइक पार्किंग को लेकर युवक और होटल सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई कहासुनी के बाद विवाद बढ़ने की जानकारी दी गई है। साथ ही हमें युट्यूब पर लोकल चैनल सिटी हेडलाइंस की खबर का वीडियो मिला। इसमें एडिशनल एसपी संजय पाटिल का बयान भी है।
मराठी समाचारपत्र लोकमत की वेबसाइट में भी यह खबर प्रकाशित हुई थी। खबर के मुताबिक होटल में युवकों को पीटे जाने के बाद गांव वाले वहां पहुंचे और होटल का स्टाफ और गांव वालों के बीच दंगा हुआ। गांव वालों ने पुलिस और पालिका प्रशासन पर आरोप लगाया कि होटल मालिक तलाह मुखी के बीजेपी से संबंधित होने से उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। गांव वालों ने पुलिस थाने पर प्रदर्शन भी किया था।
इससे साफ होता है कि एक होटल कर्मचारी और एक हिंदू परिवार के बीच यह विवाद नहीं हुआ था। स्थानीय युवक और होटल सुरक्षा कर्मचारियों के बाइक पार्किंग को लेकर विवाद हुआ जो बाद में दंगे में तब्दील हो गया। इसमें एक पुलिस वाला भी घायल हुआ था। सोशल मीडिया में इस घटना को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
Tools Used
- Twitter Advanced Search
- Google Keywords Search
- YouTube Search
Result- Misleading