सोमवार, मई 20, 2024
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Fact Check: क्या तरबूज में इंजेक्शन लगा रहे व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ा? वायरल वीडियो स्क्रिप्टेड है

Authors

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Claim
तरबूज को लाल और मीठा करने के लिए इंजेक्शन लगा रहे व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ा।
Fact
नहीं, वायरल वीडियो स्क्रिप्टेड है।

पारंपरिक रूप से गर्मियों के मौसम में तरबूज खूब खाया जाता है। शरीर में पानी की कमी को पूरा करने वाला यह फल बाहर से हरा और अंदर से लाल एवं मीठा होता है। सोशल मीडिया पर तरबूज को लेकर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो के साथ यह दावा किया जा रहा है कि तरबूज को लाल और मीठा बनाने के लिए इंजेक्शन लगा रहे व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ लिया।

करीब सात मिनट लंबे वीडियो में मुँह पर रुमाल बाँधे एक व्यक्ति कुछ तरबूज, लाल रंग भरे इंजेक्शन और केमिकल की शीशियों के साथ बैठा नज़र आता है। वीडियो बना रहा व्यक्ति खुद को पुलिस वाला बताता है और एक डंडा हाथ में लिए तरबूज में इंजेक्शन लगा रहे व्यक्ति को फटकारता नज़र आता है। इसके बाद आरोपी अपना जुर्म स्वीकारता है और माफ़ी मांगता है। वीडियो में आरोपी, पुलिसवाले के कहने पर केमिकल्स से लाल रंग बनाकर तरबूज में इंजेक्शन भी लगाकर दिखाता है। एक्स पोस्ट का आर्काइव यहाँ देखें।

तरबूज
Courtesy: X/@Modified_Hindu9

Fact Check/Verification

वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए सबसे पहले न्यूज़चेकर ने वीडियो के की-फ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। इस दौरान हमें एक फेसबुक पोस्ट में इस वीडियो का लंबा वर्जन मिलता है, जहाँ वीडियो के 29 सेकंड पर एक डिस्क्लेमर में वीडियो को स्क्रिप्टेड बताया गया है।

जांच में आगे हमने संबंधित की-वर्ड के जरिए इस वीडियो से जुड़ी जानकारी खोजी। इस दौरान 29 अप्रैल 2024 को ”सोशल मैसेज” नामक फेसबुक पेज द्वारा किये गए पोस्ट में यह वीडियो मिलता है। यहाँ भी 29 सेकंड पर नज़र आये डिस्क्लेमर में वीडियो को स्क्रिप्टेड बताया गया है और लिखा गया है कि यह वीडियो जागरूकता फैलाने के मकसद से बनाया गया था।

Courtesy: fb/Social Message

जांच में आगे हमने ”सोशल मैसेज” फेसबुक पेज को खंगाला। पेज पर हमें इस प्रकार के कई वीडियो नज़र आये। पेज के बायो में जानकारी दी गयी है कि इस फेसबुक पेज पर डाली गई कुछ वीडियो स्क्रिप्टेड हैं, जिन्हें जागरूकता और मनोरंजन के उद्देश्य से बनाया गया है। हमने पाया कि पेज पर हाल ही में तरबूज में मिलावट विषय पर कई वीडियो अपलोड किये गए हैं। इन वीडियो की स्क्रिप्ट भी मिलती-जुलती है और वीडियो में वायरल वीडियो वाले कलाकार भी नज़र आ रहे हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि वायरल वीडियो भी सोशल मैसेज पेज के कलाकारों द्वारा ही बनाया गया था। इस प्रकार के अन्य वीडियो को यहाँ, यहाँ और यहाँ देखा जा सकता है।

Courtesy: fb/Social Message
Courtesy: fb/Social Message

पड़ताल में आगे ”सोशल मैसेज” फेसबुक पेज पर वायरल वीडियो की तर्ज़ पर ही हरी मटर रंगने वाले को पकड़ने का एक स्क्रिप्टेड वीडियो मिला। यहाँ भी वायरल वीडियो की ही तरह दो कलाकार हैं, जिनमें से एक आरोपी और दूसरा पुलिसवाला बना है। यहाँ भी आरोपी के चेहरे पर रुमाल बंधा है और वह वायरल वीडियो वाले स्थान पर ही बैठकर मटर रंग रहा है। दोनों वीडियो में एक तरह की शीशियां और डिब्बे और नीचे बिछी सफेद चादर नज़र आती है। यहाँ भी पुलिसवाला वायरल वीडियो की तरह ही आरोपी को डंडा दिखाकर सवाल जवाब करता है, सवाल भी लगभाग समान ही हैं। दोनों कलाकारों की आवाजें भी वायरल वीडियो वाली ही हैं। जिससे यह स्पष्ट है दोनों स्क्रिप्टेड वीडियो समान कलाकारों ने बनाये हैं।

Courtesy: fb/Social Message

जिसके बाद हमने ”सोशल मैसेज” पेज के संचालक रॉकी से फ़ोन पर बात की। फ़ोन पर हुई बातचीत में उन्होंने स्वीकारा कि वे ही इस स्क्रिप्टेड वीडियो के निर्देशक थे। उन्होंने कहा कि इस वीडियो को बनाने के पीछे की मंशा जागरूकता फैलाना था। डिस्क्लेमर हटाकर वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

Conclusion

जांच से हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि तरबूज को लाल और मीठा करने के लिए इंजेक्शन लगा रहे व्यक्ति को पुलिस द्वारा पकड़े जाने का दावा करता वायरल वीडियो स्क्रिप्टेड है।

Result: Missing Context

Sources
Several posts by Facebook page- Social Message.
Phonic conversation with the director of scripted video.

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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

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