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सोशल मीडिया में रोहिंग्याओं द्वारा बच्चा चोरी की फैलाई जा रही अफवाह, सच जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर

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Claim

पूरे हिंदुस्तान में 2000 रोहिंग्याओं की टीम आयी है जो बच्चों को उठा के ले जा रही है कोई बेचता है तो कोई बलि के लिए ले जाता है। 

Verification
सोशल मीडिया में बच्चा चोरी का दावा करने वाला एक सन्देश तेजी से शेयर किया जा रहा है। सन्देश में दावा किया गया है कि 2000 रोहिंग्या लोगों की टीम सक्रिय है जो बच्चों को उठाकर ले जाती है और बेच देती है। कुछ बच्चों की तो बलि भी दी जाती है। सोशल मीडिया में वायरल हो रहे इस मैसेज को लेकर हमने पड़ताल शुरू की। ट्विटर पर हमें यही दावा करने वाला एक और ट्वीट देखने को मिला।
इसके अलावा फेसबुक पर भी वह वीडियो मिला। जिसमें कैमरे के पीछे खड़ा शख्स महिला से सवाल करता है। इस दौरान वह कहती है कि उसने कुछ बच्चे 8 नंबर प्लैटफार्म पर रखे हैं।
हालांकि इस वीडियो को लेकर पूरी जानकारी नहीं है। रोहिंग्या लोगों की बच्चा चोर टोली इन कीवर्ड्स से गूगल खंगाला तो यूट्यूब का एक लिंक मिला जिसमें दो वीडियो क्लिप एक साथ अपलोड की गई थी। पहले हिस्से में एक युवक को भीड़ ने पकड़ा है और उससे चुराए हुए बच्चों को लेकर भीड़ में से एक व्यक्ति सवाल करता है तो वह बच्चों की बाबा को बलि चढ़ाने की जानकारी देता है।
वहीं दूसरी क्लिप में भी वही महिला है। हालांकि दोनों वीडियो को लेकर पूरी जानकारी नहीं मिल पाई। कुछ अन्य कीवर्ड की मदद से खोज की तो कुछ खास हाथ नहीं लगा लेकिन मध्य प्रदेश के भोपाल में रोहिंग्या लोगों की टोली घुसने की अफवाह होने के बाद भोपाल पुलिस ने सोशल मीडिया में लोगों से इस तरह की ख़बरों को इग्नोर करने की सलाह दी थी।
हलांकि हमें कहीं पर भी रोहिंग्या लोगों द्वारा बच्चा चुराने वाली टोली को पकड़े जाने या गिरफ्तार किए जाने की खबर प्राप्त नहीं हुई। वहीं किसी भी प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान में भी इस तरह की खबर नहीं दिखाई दी। इससे साफ होता है कि रोहिंग्या के नाम पर लोगों में खौफ का माहौल पैदा किया जा रहा है।
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Result- False

Authors

After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

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