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अर्जेंटीना के डिटेंशन कैम्प की तस्वीर को CAA/NRC से जोड़कर किया गया शेयर

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Claim

बनारस की एकता नामक महिला को एनआरसी का विरोध करने के कारण जेल में डाल दिया गया। उसकी छोटी सी बेटी बाहर है। 

 
Verification
 
Yuva Neta Ashish Yadav नामक फेसबुक पेज पर एक एक फोटो शेयर की गई है। इस फोटो में जाली के बाहर खड़ा पुरुष एक बच्चे को हाथ में लेकर खड़ा है तो उस बच्चे को जाली के अंदर खड़ी महिला स्तनपान करा रही है। इस फोटो को लेकर दावा किया गया है जब मां डिटेंशन सेंटर के अंदर और बच्चा बाहर हो तो?
 
बनारस की एकता को एनआरसी का विरोध करने के कारण जेल में डाला गया है। उसकी छोटी-सी बेटी बाहर है। पोस्ट में पीएम मोदी से आह्वान करते कहा गया है कि मोदी जी आपके संसदीय क्षेत्र की बेटी है और ये उसकी बेटी। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ = बेटी को जन्म दो मरता छोड़ दो। 
 
वायरल फोटो को लेकर हमनें जांच शुरू कर दी। गूगल रिवर्स इमेजेस की मदद से फोटो की खोज की तो इसके कई रिजल्ट सामने आए। 
 
 
इसके अलावा हमें एक ट्वीट मिला जिसमें दावा किया गया था कि यह तस्वीर अमेरिका में बने डिटेंशन सेटर की है। 
 
 
साथ ही हमें controappuntoblog नामक ब्लाॅग में यह तस्वीर मिली जो करीब 6 साल पहले लिखा गया है। इस ब्लाॅग में दावा किया गया है कि यह तस्वीर अर्जेंटीना के डिटेंशन सेंटर की है। इसका मतलब है कि यह तस्वीर 6 साल पुरानी है और इसका भारत से कुछ संबंध नहीं है।। इस ब्लाॅग की पोस्ट में कहा गया है कि पुलिस ने कुछ समस्या के कारण लोगों को उनके इलाके में प्रवेश करने से रोक दिया था। इसमें जगह का सही नाम नहीं बताया गया है। ब्लॉग में लिखा है, ” मां को वापस नहीं भेजा गया और पिता और बच्चे को परिधि से बाहर रखा गया।”
 
 
 
ब्लॉग में एक वीडियो क्लिप भी अपलोड की है जिसमें कुछ लोग पोर्टुगीज़ में बोलते हुए देखे जा सकते हैं। वीडियो में, पोर्टुगेसी में एक नारे के साथ एक बैनर देखा जा सकता है। हमने ट्रांसलेट की मदद से ब्लाॅग इसके नीचे लिखे गए कंटेंट का अनुवाद किया तो लिखा था कि “यह हमारी वास्तविकता है।” इसके अलावा यह फोटो कई 6 सालों में कई बार वायरल हुई है। 
 
 
pinterest पर यह फोटो कुछ साल पहले वायरल हुई थी। 
 
 
इन सभी पोस्ट्स में यह फोटो अर्जेंटीना की होने का दावा किया गया है। इससे साफ है कि यह फोटो अर्जेटीना की ही और वर्षों पुरानी है। भारत में एनआरसी और सीएबी के विरोध में आंदोलन के माहौल में इस फोटो को गलत दावे के साथ शेयर कर भ्रामकता फैलाने का काम असामाजिक तत्वों द्वारा किया जा रहा है। 
 
 
Tools Used 
 
  • Google Search 
  • Facebook Search 
  • Google Reverse Image Search 
 
Result- Misleading
 
(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़तालसंशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें ई-मेल करेंcheckthis@newschecker.in या 9999499044 इस व्हाट्सएप नंबर पर मैसेज भेजे)
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Authors

After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

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