Authors
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.
Claim:
SBI ने RBI औऱ मोदी सरकार के साथ मिलकर बड़े आयोजन के साथ लूट शुरू कर दी है। अगर आपके बचत खाते से वर्ष मे 40 ट्रांजेक्शन (जमा/निकासी) से अधिक है तो 41 वे ट्रांजेक्शन से हर बार ₹ 57.50 आप की जमा राशी से काट लिया जायेगा। ये ट्रांजेक्शन चेक से हो, स्थायी सूचना से हो या कार्ड से बस 40 हो गए तो लूट चालू। अब सेलेरी के 12 और महीने मे दो बार भी उठाया 36 तो हो गए, अब किसी को चैक से 12 पेमेंट भी किये तो आपके खाते से ₹ 460 तो गए ही समझो।
Verification:
सोशल मीडिया में एक दावा बहुत ही तेजी से वायरल हो रहा है। दावे में बताया जा रहा है कि एक वर्ष में अगर आप 40 से अधिक निकासी करने पर प्रति ट्रांजैक्शन 57.50 रुपए देने पड़ेंगे। पूरा दावा कुछ इस तरह है, “”पैसा आपका मौज सरकारी बैंकों की” हो गई अच्छे दिन की शुरुआत एक और फैसले के साथ। SBI ने RBI औऱ मोदी सरकार के साथ मिलकर बड़े आयोजन के साथ लूट शुरू कर दी है।
अगर आपके बचत खाते मे वर्ष मे 40 ट्रांजेक्शन (जमा/निकासी) से अधिक है तो 41 वे ट्रांजेक्शन से हर बार ₹ 57.50 आप की जमा राशी से काट लिया जायेगा। ये ट्रांजेक्शन चेक से हो,स्थायी सूचना से हो या कार्ड से बस 40 हो गए तो लूट चालू। अब सेलेरी के 12 और महीने मे दो बार भी उठाया 36 तो हो गए, अब किसी को चैक से 12 पेमेंट भी किये तो आपके खाते से ₹ 460 तो गए ही समझो। अगर आपके बच्चे बाहर पढ़ाई कर रहे हैं, माँ बाप को हर महीने भेजना है, इनवेस्टमेन्ट करना है,डोनेशन देना है, किसी की मदद करनी है, तो इन लुटेरों का हिस्सा भी देना होगा। वाह रे मोदी सरकार!!! पहले सर्विस टैक्स से लूटा अब बैन्क के माध्यम से पगार की आय वालों को लूटेंगे। इससे तो जनता को ये संदेश जा रहा है कि रोकड बैन्क में जमा ना करें अपना व्यवहार खुद ही निपटा लें। SBI की ये लूट सरकार को भी ले डूबेगी। माल्या जैसे भगौडे के लोन मे डूबी रकम हम लोगों से भरपाई करने की योजना — इस देश की जनता को क्या समझ के रखा है?
ATM से 4 बार से अधिक पैसा निकलने पर 150 रु टैक्स और 23 रुपये सर्विस चार्ज मिलाकर कुल 173 कटेंगे .. जो नोटबन्दी के समर्थन में लम्बी लम्बी हाँक रहे थे उन बेवकूफों को एक और तोहफा।जनता के गले पर एक बार में छुरा क्यों नहीं फेर देते?? कमाओ तो टैक्स , बचाओ तो टैक्स और तो और, बैंक में जमा कराओ तो टैक्स, फिर वापस निकालो तो टैक्स !!
आप सभी से आग्रह — इसे, कॉपी पेस्ट ,शेयर कर आगे फ़ॉरवर्ड करें …चुप बैठ कर न सहें ।”
चूंकि यह दावा सार्वजनिक क्षेत्र से जुड़े एक बैंक को लेकर था और इस दावे में कई ऐसी बातें कही गई हैं जिनका आम जनमानस पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए हमने दावे की पड़ताल शुरू की। आजकल बैंको से जुड़ी कई भ्रामक खबरें सोशल मीडिया में तेजी से शेयर हो रही हैं।
ऐसे ही एक दावे की पड़ताल टीम न्यूज़चेकर ने की है, जिसे यहां पढ़ा जा सकता है।
इस पड़ताल का English वर्जन यहां पढ़ा जा सकता है।
आरबीआई ने भी कई ट्वीट्स के माध्यम से बैंक ग्राहकों से ऐसी किसी भी सूचना पर यकीन ना करने की अपील की है।
There are rumours in some locations about certain banks including cooperative banks, resulting in anxiety among the depositors. RBI would like to assure the general public that Indian banking system is safe and stable and there is no need to panic on the basis of such rumours.
— ReserveBankOfIndia (@RBI) October 1, 2019
Rumours are being circulated in sections of social media about operations of banks to create panic among the public. All are advised not to fall prey to such baseless and false rumours.
— ReserveBankOfIndia (@RBI) September 26, 2019
Reports appearing in some sections of social media about RBI closing down certain commercial banks are false.
— ReserveBankOfIndia (@RBI) September 25, 2019
इस तरह के दावों के संबंध में अक्सर मीडिया भी कई तरह के भ्रम की शिकार हो जाती है। चूंकि बैंक तथा आरबीआई दोनों ही सभी महत्वपूर्ण सूचनाओं को अपने वेबसाइट या पब्लिक प्लेटफॉर्म्स पर अपडेट करते रहते हैं इसलिए हमने सबसे पहले एसबीआई की वेबसाइट पर इस तरह की किसी सूचना को तलाशना शुरू किया। एसबीआई की वेबसाइट पर हमें सर्कुलर मिला जिसमे यह साफ़-साफ़ बताया गया है कि किसी भी तरह के अकाउंट से प्रतिवर्ष कम से कम 50 चेक ट्रांजैक्शंस निशुल्क यानि बिना किसी चार्ज या शुल्क के किए जा सकते हैं। वायरल दावे में किया जा रहा प्रति वर्ष 40 ट्रांजैक्शंस का दावा तो केवल चेक ट्रांजैक्शंस की निशुल्क लिमिट से ही झूठा साबित हो चुका था।
बताते चलें कि एसबीआई के द्वारा 6 मेट्रो सेंटर्स के अलावा बाकि सभी सेंटर्स से धन निकासी पर शुरूआती 5 बार में कोई शुल्क नहीं देना पड़ता।
अब बारी थी वायरल सन्देश में निहित दूसरे दावे यानि एटीएम के द्वारा 4 ट्रांजैक्शंस के बाद हुए ट्रांजैक्शंस पर 150 रु टैक्स और 23 रुपये सर्विस चार्ज मिलाकर कुल 173 कटने के दावे के पड़ताल की। एसबीआई के इसी सर्कुलर में यह बताया गया है कि निर्धारित सीमा के बाद ट्रांजैक्शंस करने पर मेट्रो सेंटर्स पर 20 रुपये प्लस जीएसटी प्रति ट्रांजैक्शन तथा बाकी के सेंटर्स पर 10 रुपये प्लस जीएसटी प्रति ट्रांजैक्शन का शुल्क देय होगा। Livemint में प्रकाशित इस लेख के माध्यम से इस संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
बतातें चलें कि एसबीआई ने यह सर्कुलर अभी हाल ही में जारी किया है अतः इस सर्कुलर के आधार पर आप बैंक द्वारा लिए जाने वाले शुल्क की गणना कर सकते हैं। एसबीआई ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी यह जानकारी शेयर की है तथा लोगो को अफवाहों से बचने की सलाह दी है।
SBI’s service charges have been revised from today. For details & clarifications, visit: https://t.co/GSLlcV3Vxh pic.twitter.com/CbYX3doIDx
— State Bank of India (@TheOfficialSBI) October 1, 2019
हमारी पड़ताल में व्हाट्सएप पर वायरल हो रहा यह सन्देश भ्रामक पाया गया। हम अपने पाठकों से यह अपील करते हैं कि कृपया व्हाट्सएप पर प्रसारित हो रहे इस तरह के संदेशों पर यकीन करने से पहले प्राथमिक जाँच जरूर कर लें। अगर आपको इसमें किसी तरह की कोई परेशानी आ रही है तो हमें लिख कर अपनी किसी भी दुविधा को दूर कर सकते हैं।
Tools Used:
- Google Search
- Twitter Advanced Search
Result: Misleading
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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.