सोमवार, नवम्बर 25, 2024
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कश्मीर के सन्दर्भ में भारतीय सेना के नाम पर वायरल हुआ सीरिया का पुराना वीडियो

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After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

Claim 

भारतीय सेना के जवानों ने मानवता की सारी हदें पार कर दी। भारत सच में हिंदू आतंकवादी राज्य बन गया है।

Verification  

सोशल मीडिया में सेना के जवानों द्वारा एक लाश के साथ बर्बरता का वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक शख्स को मारकर एक जवान उसके पेट में कई बार चाकू घोंपता है। वहीं उसका बेहरमी से गला काटते दिखाई देता है। इस वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है मानवता की सारी हदें पार करने वाला जवान भारतीय सेना का है। भारत की सेना के जवानों की करतूत देख कर लग रहा है कि भारत सच में एक हिंदू आंतकवादी राज्य बन गया है।

ट्वीट में लिखा है कि दिल्ली केअमानतुल्ला खान की इस वीडियो ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है। वहीं इस ट्वीट में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को और भारतीय आर्मी प्रमुख को भी टैग किया है।

हमें आर्मी के यूनिफाॅर्म को लेकर शक था इसलिए पड़ताल आगे बढ़ाई। इस वीडियो में कुछ स्क्रीन शाॅट्स निकाले और गूगल किया। इस दौरान हमें एक ब्लाॅग में इसकी एक तस्वीर देखने को मिली।

ब्लाॅग में लिखी भाषा समझ में नहीं आ रही थी इसलिए गूगल ट्रांसलेट की मदद ली। इससे पता चला कि यह ब्लाॅग सात साल पुराना यानि साल 2012 में लिखा गया है। इसमें बताया गया है कि यह सैनिक सीरिया के शबीहा की गुप्त पुलिस है। वहीं खोज के दौरान इसी तरह के कई रिजल्ट सामने आए।

बारीकी से पड़ताल के दौरान हमें यूट्यूब पर एक वीडियो मिला जिसे साल 2012 में अपलोड किया गया था।

हमारी पड़ताल में यह साफ़ हो गया कि वायरल वीडियो सात साल पुराना है और सीरिया से है। ओरिजनल वीडियो की भाषा बदलकर उसे भारतीय जवानों के नाम से वायरल किया जा रहा है। इस वीडियो के माध्यम से भ्रामकता पैदा कर भारतीय सेना को बदनाम करने की साजिश हो रही है। 

Tools Used

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Result

False

Authors

After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

Yash Kshirsagar
After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

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