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ट्रेन में मुस्लिम युवक के साथ नहीं हुई ज्यादती, सोशल मीडिया में वायरल हुआ झूठा सन्देश

Authors

After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

Claim

फारूख नामक शख्स को ट्रेन से जबरदस्ती उतारा गया, उसके साथ मारपीट कर उसकी दाढ़ी भी कटवाई। 

Verification
ट्विटर पर M Wadood Sajid नामक हैंडल से एक ट्वीट किया गया है। फारूख नामक व्यक्ति को लेकर दावा किया गया है कि उसे बागपत स्टेशन के पास ट्रेन से जबरदस्ती उतारा गया। यहां तक कि उसके साथ मारपीट कर उसकी दाढ़ी भी काटी गई। कृपया उसकी मदद करें। उसका मोबाइल नंबर 8433201022 है।
हमनें ट्वीट में दिया गया मोबाइल नंबर डायल किया तो वह बंद आ रहा था। इसके बाद ‘बागपत में युवक को ट्रेन से उतारकर पीटा, दाढ़ी कटवाई’ इस कीवर्ड की मदद से खोज की तो इस घटना को लेकर कई खबरें देखने को मिली। जिसमें दैनिक जागरण की एक खबर थी। खबर के मुताबिक नगर के एक मुस्लिम युवक ने गर्मी के कारण पहले तो दिल्ली पहुंचकर खुद ही अपनी दाढ़ी कटवाई और फिर घर पहुंचकर समाज व परिवार के डर से ट्रेन में शरारती तत्वों द्वारा मारपीट कर दाढ़ी काटने का ड्रामा रच दिया।
युवक फटे कपड़ों में अपने घर पहुँचा तो हंगामा हो गया। खबर में आगे लिखा है कि उसपर कोई शक न करे, इसलिए अपने कपड़े भी फाड़ लिए। यह मामला आग की तरह पूरे क्षेत्र में फैल गया। लोगों ने सोशल मीडिया पर मैसेज वायरल किए। पुलिस को घटना की सूचना दी गयी। एसपी प्रताप गोपेन्द्र यादव ने युवक से पूछताछ कर जांच-पड़ताल की। इस दौरान युवक द्वारा की गई हरकतों का पता चल गया। बाद में मोहम्मद फारूक ने कोतवाली में हाथ जोड़कर और कान पकड़कर अपनी गलती के लिए माफी मांगी। एसपी का कहना है कि युवक के साथ कोई घटना नहीं हुई है। उसने गलत जानकारी दी थी।
इस खबर का वीडियो भी पंजाब केसरी ने शेयर किया था।
हमारी पड़ताल के दौरान पूरे मामले पर बागपत पुलिस अधीक्षक की बाइट भी प्राप्त हो गई। इस वीडियो में पुलिस अधिकारी ने घटना को फ़र्ज़ी बताया है।
हमारी पड़ताल में सामने आया कि फारुख नामक व्यक्ति को ट्रेन में धक्के देकर नीचे उतारना, उसके साथ मारपीट कर जबरदस्ती दाढ़ी कटवाने का दावा झूठा है।
Tools Used
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Result- False

Authors

After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

Yash Kshirsagar
After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

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