रविवार, दिसम्बर 22, 2024
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दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर मिले बैग से प्राप्त शंख को RDX बताकर सोशल मीडिया में किया गया वायरल

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim- 
 
आज फिर दिल्ली के एयरपोर्ट पे RDX मिला है ● कश्मीर में LOCKDOWN है तो अब ये RDX कहाँ से आ रहा है ? ● राजधानी के एयरपोर्ट पे RDX पहुँचा कैसे ,देश की एजेंसियाँ क्या कर रही है ? गृह मंत्री जी केवल निम्बू मिर्चा लटकाने से काम नही चलेगा, और हाँ पुलवामा वाला rdx कहा से आया था  
 
 
 
Verifiaction- 
 
1 नवंबर को दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर एक लावारिश बैग मिलने से पूरे देश में हड़कंप मच गया। इसके बाद सोशल मीडिया पर भी भ्रामक ख़बरों का सिलसिला आरम्भ हो गया। newschecker.in टीम को ट्विटर पर ऐसी ही एक खबर का विश्लेषण करता हुआ एक ट्वीट प्राप्त हुआ,जहां दिल्ली एयरपोर्ट पर मिले संदिग्ध बैग में RDX  होने की खबर को साझा कर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों पर सवाल उठाया गया है। हमने ट्वीट में दी गयी जानकारी की सत्यता जानने के लिए गूगल पर खोजना आरम्भ किया। खोज के दौरान हमें जनसत्ता और आजतक की वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख तथा वीडियो प्राप्त हुआ जहां दिल्ली एयरपोर्ट में एक लावारिश संदिग्ध बैग में RDX प्राप्त होने की बात कही गयी।
 
जनसत्ता और आजतक की वेबसाइट पर प्राप्त लेख तथा वीडियो की पुष्टि के लिए हमने वीडियो को बारीकी से खोजा। इस दौरान हमें indiatv और abp न्यूज़ की वेबसाइट पर प्रकशित एक लेख और वीडियो से पता चला कि लावारिश बैग हरियाणा के बल्लभगढ़ के रहने वाले शहीद हुसैन का है जो गलती से अपना बैग एयरपोर्ट में भूल गया था। बैग में मोबाइल, चार्जर, लैपटॉप, और मिठाई के साथ कुछ समुद्री शंख थे। जिसे पुलिस ने RDX समझ लिया था।
  
इस तथ्य की पुष्टि के लिए हमें आजतक की वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ। जहां इस बात को स्वीकार्य किया था कि बैग में RDX नहीं बल्कि समुद्री शंख थे।
 
 
newschecker.in टीम की पड़ताल में वायरल संदेश भ्रामक साबित हुआ।  
 
Tools Used 
  • Google Search 
 
Result- Misleading

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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