रविवार, दिसम्बर 22, 2024
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दिल्ली में वकील-पुलिस भिड़ंत के बाद धरने पर बैठी पुलिस की तस्वीर को CAA प्रदर्शन का बताकर किया गया शेयर

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim- 
अब पुलिस भी NRC, CAA, का विरोध कर रहे बेगुनाह लोगों पर लाठी चार्ज करने और इस बिल का विरोध करने  धरने पर बैठ गई । इन “जाँबाज सिपाहियों को मेरा सलाम ” फिर भी EVM से चोरी करके बनाई गई सरकार मोदी और शाह जी को शर्म नही आती ।
Verification- 
इन दिनों CAA और NRC का शोर पूरे देश में मचा हुआ है। बहुत से लोग इस अधिनियम का समर्थन कर रहें हैं वहीं देश के कोने-कोने से इसका काफी विरोध भी जताया जा रहा है। और इन्हीं सब के साथ सोशल मीडिया के पोस्ट पर पुलिस द्वारा किये जा रहे प्रदर्शन की तस्वीर प्राप्त हुई।  तस्वीर शेयर करने वाले यूज़र का दावा है कि पुलिस यह प्रदर्शन CAA और NRC पर अपना विरोध जता रही है साथ ही साथ यूज़र ने अप्रत्यक्ष रूप से सरकार पर आरोप लगाया है, क्योंकि पोस्ट में यह दावा किया गया है कि पुलिस मासूमों पर लाठी चार्ज नहीं करना चाहती लेकिन सरकार उनसे जबरन करवा रही है।
इन तस्वीरों को देखने पर हमें इसमें कुछ छेड़छाड़ होने का अंदेशा हुआ। नीचे दी गयी तस्वीर में नीले रंग से अंकित किये गए बिंदुओं में हमें इनके एडिट होने का अंदेशा हुआ।
इसके बाद हमने तस्वीर को गूगल पर खोजना आरम्भ किया। इस दौरान हमे सबसे पहले INDIA TODAY की वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ जहां वायरल तस्वीर की असली तस्वीर प्राप्त हुई।
लेख के मुताबिक नवंबर में तीस हज़ारी और साकेत कोर्ट के बाहर पुलिस के जवान के साथ वकीलों द्वारा की गयी बर्बरता के खिलाफ दिल्ली पुलिस इंसाफ की मांग करने के लिए धरने पर बैठी थी। इसके बाद हमने मामले की और जानकारी प्राप्त करने व वायरल हुई दूसरी तस्वीर की शिनाख्त के लिए गूगल पर और खोजा। इस दौरान The Hindu वेबसाइट पर इस पूरी घटना का वीडियो प्रसारित हुआ है, जहां पहले एक वकील द्वारा पुलिस युवक के पीटने का चित्र और बाद में इस मामले पर पुलिस द्वारा किये गए प्रदर्शन तथा उक्त मामले पर हुई हिंसा का चित्र भी दिखाया गया है।
newschecker.in की पड़ताल ‘इंडिया टुडे’ और ‘द हिन्दू’ पर प्रकाशित लेख को पढ़ने पर वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुआ।
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Result- Misleading 
 (किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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