Authors
Claim
Verification
देश की मोदी सरकार ने 2014 में गांधी जयंती के दिन स्वच्छ भारत की शुरुआत की थी। तब से लेकर अब तक इस अभियान में करोड़ों रूपए खर्च हो चुके हैं। सरकार सबको शौचालय उपलब्ध कराने की नीति पर काम कर रही है। इसी से जुड़ी जानकारी हमसे WhatsApp के जरिए मांगी गई है। एक पाठक ने हमें एक आंकड़ा भेज कर उसकी सत्यता जांचने को कहा है। इस आंकड़े में 2015 से लेकर 2018 तक भारत में कितने प्रतिशत शौचाल बने हैं ये बताया गया है। ये आंकड़े इस प्रकार हैं:
2015: 42.8%
2016: 50.6%
2017: 64.2%
2018: 82.6%
कुछ कीवर्ड्स की मदद से हमने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहे दावे को खंगाला। पड़ताल के दौरान हमें BBC का लेख मिला। लेख से हमने जाना कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत केंद्र सरकार ने 1 करोड़ शौचालय बनाने की घोषणा की थी। दरअसल कुछ महीने पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत के 100 प्रतिशत गांवों ने उनकी सरकार द्वारा एक विशाल शौचालय निर्माण कार्यक्रम के बाद से खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया है। NSO की रिपोर्ट ने 2018 के बीच एक सर्वे किया जिसमें पूरे ग्रामीण और शहरी भारत में 1,00,000 से अधिक घरों को कवर किया था। रिपोर्ट में यह पाया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय वाले घर 71.3% थे।
पड़ताल के दौरान हमें अमर उजाला का लेख भी मिला। जिसके मुताबिक 60.4 प्रतिशत लोगों के पास शौचालय की सुविधा नहीं है। इस आंकड़े में 22.8 फीसदी की कमी आई है लेकिन अभी भी कई लोग शौचालय के लिए तरस रहे हैं। शौचालय उपलब्ध करा पाने के मामले में दक्षिण एशिया के आठ देशों में भारत 7वें स्थान पर है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 77.4 करोड़ लोग देश में ऐसे हैं जो खुद का शौचालय नहीं होने के कारण बाहर शौच करने जाने को मजबूर हैं।
अमर उजाला के लेख से हमने जाना कि कितने प्रतिशत शौचालय देश में पहुंचे हैं।
लोग (प्रतिशत) |
साल |
50.6% | 2015-2016 |
64.2% | 2016-2017 |
82.6% | 2017-2018 |
88.9% | 2018-2019 |
हमारी टीम की रिसर्च अभी जारी है और नई जानकारी मिलते ही इस लेख को अपडेट किया जाएगा।
Tools Used
- Google Keywords Search
Result: True
(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)