रविवार, नवम्बर 3, 2024
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लद्दाख में हुए पिछले साल के पालिका चुनावों को इस साल का बताकर किया गया शेयर

Authors

After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

Claim

लेह लद्दाख नगरपालिका चुनाव में भाजपा का खाता भी नहीं खुला, सभी 13 सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई। 

 
Verification
 
Deepak नामक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया है। इसमें दावा किया गया है कि लद्दाख लेहवासी भाजपा से इतने खुश है कि नगर पालिका चुनाव में सभी 13 सीटें कांग्रेस को जिता दी। 
 
हमनें इस ट्वीट को लेकर पड़ताल शुरू की तो इसी तरह का दावा करने वाला एक और ट्वीट मिला। 
 
 
 
फेसबुक पर यही दावा करने वाले कई पोस्ट पाए गए। जिन्हेंं आप नीचे देख सकते हैं।
 
 
 
लद्दाख को केंद्र् शासित प्रदेश घोषित करने के बाद नगरपालिका चुनाव हुआ था या नहीं इस बारे में हमनें पता करने की कोशिश की। इसके लिए कुछ कीवर्ड्स की मदद से गूगल खंगाला तो कुछ खबरों के रिजल्ट सामने आए। लेकिन इन खबरों में कहीं पर भी नगरपालिका चुनाव का जिक्र नहीं था।
 
 
 
 
इसी खोज के दौरान हमें नवभारत टाइम्स में पिछले साल छपी एक खबर मिली जिसमें लेह नगर पालिका में सभी 13 सीटों पर कांग्रेस जीतने की जानकारी दी गई थी। खबर में लिखा है कि बीजेपी अपना खाता भी खोल नहीं पाई। 
 
 
यही खबर लाइव हिंदुस्तान वेबसाइट पर भी प्रकाशित हुई थी। 
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इससे स्पष्ट होता है कि पिछले साल याने लद्दाख को केंद्र्शासित प्रदेश घोषित किए जाने से पहले यह स्थानीय निकाय चुनाव हुआ था। सोशल मीडिया में लेह लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पुरानी खबर को गलत तरीके से वायरल कर भ्रामक दावा किया जा रहा है। 
 
 
Tools Used 
 
  • Twitter Advanced Search 
  • Facebook Search 
  • Google Keywords Search 
 
Result- Misleading
 
(यदि आपको हमारे लेख में किसी भी प्रकार की त्रुटि नज़र आती है या फिर किसी भी संदिग्ध ख़बर की जानकारी आप हमें ई-मेल के जरिए भेज सकते हैं: checkthis@newschecker.in)

Authors

After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

Yash Kshirsagar
After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

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