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कश्मीर के नाम से सोशल मीडिया पर शेयर हो रहा पाकिस्तान का पुराना वीडियो

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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim
कश्मीर में ये कौन सी पुलिस है, जो चेहरों को छुपा कर बच्चों और औरतों को मार रही है?
Verification
मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर पर लिए गए फैसले के बाद सोशल मीडिया में फेक खबरों की भरमार है। लोग सामाजिक व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए भ्रामक दावों के साथ कई वीडियो शेयर कर रहें हैं। एक वीडियो जिसमें कुछ युवकों को ढके हुए मुँह के साथ काले रंग की जर्सी पहनकर महिलाओं के साथ बदसलूकी करते हुए देखा जा सकता है। काले रंग की जर्सी के पीछे पुलिस लिखा हुआ है। वीडियो शेयर करने वाले का दावा है कि यह घटना कश्मीर की है।
हमें पुलिस की वर्दी पर शक था लिहाजा दावे की सत्यता जानने के लिए वीडियो का स्क्रीनशॉट लेकर गूगल पर खोजा। इस दौरान यह वीडियो पाकिस्तानी के khaabroo tv नामक यूट्यूब चैनल पर प्राप्त हुआ।
इस वीडियो को 5 मई 2019 को अपलोड किया गया था जिसका उल्लेख उर्दू भाषा में किया गया है। ट्रांसलेशन से पता चला कि वीडियो पाकिस्तान के सिंध प्रदेश का है।
वीडियो की पुष्टि के लिए ट्विटर पर पाकिस्तान के अन्य न्यूज़ चैनलों की ख़बरों तथा पुलिस के ट्वीट को खंगाल। इस दौरान हमें सिंध पुलिस का एक ट्वीट प्राप्त हुआ जहां वायरल वीडियो को पाकिस्तान का बताया गया है।
ट्वीट के मुताबिक चार पुलिस वालों और एक स्थानीय नागरिक को गलत वीडियो शेयर करने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया है। SSP तौकीर महोम्मद नईम ने मीडिया को बताया की पुलिस की छवि खराब करने के लिए इस वीडियो को बनाया गया और वीडियो को बनाने में 8 लोग शामिल थे। पूरी खबर पाकिस्तान के अंग्रेजी अख़बार डॉन में पढ़ी जा सकती है।
हमारी पड़ताल में वायरल वीडियो में किया जा रहा दावा गलत साबित हुआ।
Tools Used
  • InVID
  • Google Search
  • Twitter Advanced Search
Result- False

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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