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केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने ट्विटर पर पद्मश्री गुरदयाल सिंह की जगह पोस्ट की सिख प्रचारक की तस्वीर

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim- 
प्रसिद्ध पंजाबी साहित्यकार पद्मश्री गुरदयाल सिंह जी की जयंती पर नमन्। पंजाबी साहित्य को समृद्ध करने वाले गुरदयाल सिंह जी ही एक मात्र ऐसे पंजाबी लेखक थे, जिन्हें ज्ञानपीठ अवाॅर्ड से नवाजा गया था।
Verification- 
केंद्रीय  मंत्री ‘हर्षवर्धन’ ने अपने ट्विटर हैंडल से पंजाबी पद्मश्री साहित्यकार गुरदयाल सिंह की जयंती पर नमन करते हुए एक ट्वीट किया है। उन्होंने एक पंजाबी व्यक्ति की तस्वीर पोस्ट कर लिखा है “ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध पंजाबी साहित्यकार गुरदयाल सिंह जी को जन्म जयंती पर कोटिशः नमन ” इस तस्वीर को देखने के बाद हमारी टीम से पंजाबी भाषा के सहयोगी शमिंदर सिंह ने बताया कि यह तस्वीर पंजाबी साहित्यकार की नहीं बल्कि सिख प्रचारक ‘गुरदयाल सिंह टांडे वाले’ हैं। शमिंदर की बात सुनने के बाद हमने गूगल पर अपनी खोज आरम्भ की। सबसे पहले हमने पंजाबी साहित्यकार गुरदयाल सिंह की तस्वीर को खोजा जिसके उपरान्त हमें उनकी कई तस्वीरें प्राप्त हुई।
गूगल पर प्राप्त तस्वीरों में से किसी का भी मेल केंद्रीय मंत्री द्वारा पोस्ट की गयी तस्वीर से नहीं हुआ। जिसके बाद हमने पोस्ट की गयी तस्वीर को अपने सहयोगी द्वारा बताये गए नाम से गूगल पर खोजा। जहां हमें पोस्ट वाली तस्वीर से पूर्णतः मिलती हुई तस्वीर अपने परिणामों पर प्राप्त हुई।
दोनों लोगों की तस्वीरों में अंतर साफ देखा जा सकता है।
इसके साथ ही हमने आज किस महापुरुष की जयंती है इसकी भी जानकारी प्राप्त की।
खोज के दौरान हमने पाया की दोनों ही तस्वीरें एक दूसरे से पूरी तरह अलग हैं। तस्वीर में एक तरफ पंजाबी साहित्यकार गुरदयाल सिंह हैं तो वहीं दूसरी तरफ सिख प्रचारक गुरदयाल सिंह टांडे वाले हैं।
Tools Used
Reverse Image Search
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Result- Misleading 
(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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