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Claim:
केरल में मुस्लिम डॉक्टर कपल ने साइन बोर्ड लगाकर संकेत दिया है कि वो लोग CAA का समर्थन करने वाले रोगियों का इलाज नहीं करेंगे।
Verification:
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) 2019 और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) 2019 के खिलाफ देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन चल रहा है। लेकिन बड़ी संख्या में लोगों ने इस कानून का समर्थन भी किया है। उत्तर प्रदेश में सीएए का भारी विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था जिसके चलते भारी नुकसान भी हुआ था। सभी लोग अपने-अपने तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी दौरान सोशल मीडियो प्लेटफॉर्म पर एक साइन बोर्ड की तस्वीर वायरल हो रही है। वायरल तस्वीर में मलयालम भाषा में लिखकर CAA और NRC का विरोध किया जा रहा है। वायरल तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि केरल में मुस्लिम डॉक्टर कपल ने साइन बोर्ड लगाकर संकेत दिया है कि वो लोग CAA का समर्थन करने वाले रोगियों का इलाज नहीं करेंगे।
कुछ टूल्स और कीवर्ड्स की मदद से हमने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे डॉक्टर के साइन बोर्ड की तस्वीर और दावे को खंगाला। पड़ताल के दौरान हमें The Week, Asianet news और Mediaonetv.in का लेख मिला। लेख से हमने जाना कि केरल और केरल वासियों के बीच हमेशा से विवादित मुद्दों पर बयान देने के अभिनव रूपों का एक तरीका रहा है। दरअसल केरल में एक डॉक्टर दंपत्ति नागरिकता संशोधन कानून का कुछ अलग तरीके से विरोध कर रहे हैं। डॉ सारीन पी और उनकी पत्नी डॉ सौम्या सरीन ने हाल ही में पलक्कड़ जिले के ओट्टापलम में अपने घर के बाहर साइन बोर्ड लगाया है जिससे नागरिकता अधिनियम पर उनके रूख को प्रदर्शित किया जा सके। उन्होंने साइन बोर्ड में लिखा है कि वो नागरिकता संशोधन बिल के समर्थन में बिल्कुल नहीं हैं।
फेसबुक खंगालने पर हमें Dr. Soumya Sarin Healing Tones का पेज मिला। जहां हमने देखा कि डॉ सौम्या ने अपने घर के बाहर लगे साइन बोर्ड की तस्वीर को अपने फेसबुक पेज पर भी शेयर किया है।
Dr Soumya Sarin’s – “Healing Tones”
Dr Soumya Sarin’s – “Healing Tones” added a new photo.
हमारी पड़ताल में हमने जाना कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे साइनबोर्ड को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। दरअसल लोगों को भ्रमित करने के लिए फेसबुक और ट्विटर पर दावा किया जा रहा है कि केरल में मुस्लिम डॉक्टर कपल ने साइन बोर्ड लगाकर संकेत दिया है कि वो लोग CAA का समर्थन करने वाले रोगियों का इलाज नहीं करेंगे। जबकि हमारी पड़ताल में पता चला कि CAA का विरोध कर रहा कपल मुस्लिम नहीं बल्कि हिंदू ही है। लोगों को भ्रमित करने के लिए सोशल मीडिया पर भ्रामक दावा किया जा रहा है।
Tools Used:
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Result: Misleading
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