Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.
Claim
ये है डेंगू को 48 घंटे में समाप्त करने की क्षमता रखने वाली दवा। कृपया अधिक से अधिक लोगों तक शेयर करें। एक कैप्सूल फाइल के साथ डेंगू को समाप्त करने वाली दवा ईजाद होने का दावा आजकल सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है।
Verfication
क्या डेंगू को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है? क्या चिकित्सा विज्ञान ने इस रोग पर काबू पाने वाली दवा तैयार कर ली है? यह एक बड़ा मुद्दा है। इस दावे के साथ की डेंगू को अगले 48 घंटों में ख़त्म करने की क्षमता रखने वाली दवा तैयार हो चुकी है, एक खबर सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बनी हुई है। ख़बर की हकीकत जानने के लिए वायरल हो रहे चित्र को खोजने पर आये प्रारंभिक नतीजों को स्क्रीनशॉट में देखा जा सकता है।
रिसर्च के दौरान हमें सोशल मीडिया के कई प्लेटफॉर्म्स पर यह खबर अलग-अलग रूपों में वायरल होती दिखाई दी। इस खबर को लोगों ने बड़ी तेजी से शेयर किया है। एक ट्विटर यूजर ने वायरल हो रही खबर को कुछ इस तरह ट्वीट किया है।
डेंगू को 48 घंटे मे समाप्त करने की क्षमता रखने वाली
डेंगू एक ऐसा वायरल जनित रोग है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को समाप्त कर देता है। एडीज मच्छरों के काटने के बाद उसकी लार से मानव रक्त में मिलने वाला वायरस बड़ी तेजी से शरीर की श्वेत रक्त कणिकाओं को चाटना शुरू कर देता है। डेंगू के प्रभाव से प्लेटलेट का स्तर तेजी से नीचे गिरना शुरू होने लगता है। डेंगू मानव शरीर के लिए कितना बड़ा ख़तरा है इसकी खोज के दौरान हमें एक वीडियो प्राप्त हुआ। वीडियो में सामान्य रोग विशेषज्ञ ने रोग होने के कारण और उससे बचने के उपाय बताये हैं।
डेंगू बुखार कैसे और क्यों होता है साथ ही इसकी दवा के बारे में खोजने के बाद हमें एक लेख प्राप्त हुआ। लेख के मुताबिक़ मच्छर के काटने से पीड़ित मरीज के खून में डेंगू वायरस बहुत तेजी से सर्कुलेट होता है। जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी मरीज को काटता है तो वह उस मरीज का खून चूसता है। खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर के शरीर में चला जाता है। जब डेंगू वायरस वाला वह मच्छर किसी और इंसान को काटता है तो उससे वह वायरस उस इंसान के शरीर में पहुंच जाता है, जिससे वह डेंगू वायरस से पीड़ित हो जाता है।
डेंगू के वैसे तो कई प्रकार होते हैं और उसके लक्षण भी अलग हो सकते हैं। इस लेख ने डेंगू के कारण, लक्षण, प्रकार सहित बचाव और कुछ थेरेपी द्वारा इलाज की कुछ विधियों के बारे में विस्तार से बताया गया है। लेख ने कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं किया है कि कोई दवा डेंगू रोग को 48 घंटे में समाप्त करने की क्षमता रखती है। विस्तार से जानकारी इस लिंक पर ली जा सकती है।
डेंगू पर कोई दवा बनी या नहीं इस बात की पड़ताल के दौरान हमें दैनिक भास्कर का एक लेख प्राप्त हुआ। लेख ने अपने शीर्षक ‘दुनिया में पहली बार भारत में बनी डेंगू की दवा, पूरी तरह आयुर्वेदिक, 3 अस्पतालों में ट्रायल कामयाब’। के हवाले से इस बात का दावा किया है कि एक वैद ने कई सालों की कड़ी मेहनत के बाद जड़ी बूटियों की मदद से डेंगू पर विजय प्राप्त करने वाली दवाओं का निर्माण कर लिया है।
लेख कहता है कि इस दवा का प्रयोग कई मरीजों पर किया जा रहा है जिसके किसी भी तरह के दुष्परिणाम सामने नहीं आये हैं। हालांकि दवा का नाम क्या है और इसे सार्वजनिक रूप से बाजार में लाया गया या नहीं इसकी जानकारी लेख से प्राप्त नहीं होती।
ऑनलाइन दवा विक्रेता वेबसाइट वन एमजी डॉट कॉम पर यह दवा मौजूद है और यहां बताया गया है कि ये दवा पपीते से बनाई गई है और डेंगू बुखार में यह लाभदायक है। गूगल पर इसे खोजने के बाद आये परिणाम का स्क्रीनशॉट नीचे देखा जा सकता है।
वायरल हो रही खबर कारिपल टैबलेट के बारे में खोजते हुए हमें उसकी वेबसाइट पर इसका सिरप भी दिखाई दिया। सिरप को डेंगू के उपचार में किस तरह यूज किया जाना है यह भी बताया गया है।
वायरल दवा और उसमें मिला पपीते का तत्व डेंगू बुखार में कितना लाभदायक है या उसकी उपयोगिता क्या है इसके बारे में जानने के लिए एक वैद से बात की। आयुर्वेदाचार्य की मानें तो पपीते में पाया जाना वाला तत्व प्लेटलेट काउंट को तेजी से बढ़ाने का काम करता है। डेंगू हो जाने की दशा में मरीज की स्वेत रक्त कणिकाओं की भारी क्षति होती है। इसकी पूर्ती के लिए कई बार बकरी का दूध और पपीते के पत्तों से बनी दवा काफी लाभ पहुंचाते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या कोई दवा डेंगू रोग हो जाने पर 48 घंटों में बुखार पर काबू पा सकती है या उसे जड़ से समाप्त कर सकती है? उन्होंने इस बात को सिरे से नकार दिया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो दुनिया में हुए व्यापक पैमाने पर रिसर्च के बाद भी अभी तक डेंगू बुखार को क्योर करने वाली किसी भी दवा को तैयार नहीं किया जा सका है। बचाव और ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थो का सेवन इस रोग में काफी लाभ पहुंचाता है। WHO के मुताबिक, दुनिया में हर साल डेंगू इंफेक्शन के 5 से 10 करोड़ नए मामले सामने आते हैं। डेंगू से बच्चे, वयस्कों के मुकाबले ज्यादा प्रभावित होते हैं।
यह सही है की पपीते के पत्तों से बनी दवा प्लेटलेट काउंट बढ़ा सकती है लेकिन डेंगू बुखार को 48 घंटों में समाप्त करने वाली वायरल ख़बर पूरी तरह से भ्रामक है।
Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.
Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.