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सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हो रही है जिसमें दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार ने सभी सरकारी नौकरियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। हिंदी न्यूज़ चैनल News 24 के एक वीडियो को शेयर करते हुए रोज़गार को लेकर एक दावा वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने सरकारी नौकरियों पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध लगा दिया है।
ट्वीट के ज़रिए कहा जा रहा है, “अच्छे दिन दिखाने वाले पीएम नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने अब रोज़गार देने से हाथ खड़े कर दिए हैं। किसी तरह की भी नौकरी/वैकेंसी केंद्र सरकार नहीं देगी। अगर नौकरी के लिए अप्लाई किया है तो अब वह भी रिजेक्ट हो जाएगा। सरसों/रिफाइंड तेल के भी दाम आसमान छू रहे हैं। पकौड़ा रोजगार भी गया नौकरी भी गई।”
News24 के वायरल वीडियो को फेसबुक पर फरवरी में कई यूज़र्स द्वारा शेयर किया गया था।
इस वीडियो को साल 2020 में फेसबुक और ट्विटर पर तेजी से शेयर किया गया था।
Crowd Tangle टूल पर किए गए विश्लेषण से पता चलता है कि वायरल दावे को सोशल मीडिया पर कई यूजर्स द्वारा शेयर किया गया है।
हमारे आधिकारिक WhatsApp नंबर (9999499044) पर भी वायरल दावे की सत्यता जानने की अपील की गई थी।
Fact Check/Verification
केंद्र सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों पर बैन लगाने को लेकर किए जा रहे दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने पड़ताल शुरू की। Google Keywords Search की मदद से खंगालने पर हमें वायरल दावे से संबंधित कोई रिपोर्ट नहीं मिली। अगर इस तरह का फैसला केंद्र सरकार द्वारा लिया गया होता तो यह खबर मेनस्ट्रीम मीडिया में जरूर होती।
वायरल दावे की तह तक जाने के लिए हमने Ministry of Finance की आधिकारिक वेबसाइट पर मेमोरेंडम खंगाला। पड़ताल के दौरान हमारे हाथ केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा 4 जनवरी 2020 को जारी किया गया एक सर्कुलर लगा। इस मेमोंरेंडम में सभी विभागों और मंत्रालयों से गैर-जरूरी खर्चों को कम करने की अपील की गई थी। लेकिन मेमोरेंडम में कहीं भी यह नहीं लिखा गया है कि अब सरकारी कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं होगी। लेकिन विवाद की असली जड़ मेमोरेंडम पर लिखी दूसरी बात थी। दरअसल उसमें यह लिखा हुआ था, “वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बगैर किसी भी सरकारी मंत्रालय या फिर विभाग में नए पदों का गठन नहीं किया जाएगा। अगर 1 जुलाई 2020 के बाद कोई भी पद बनाया गया है और उसके लिए व्यय विभाग की मंजूरी नहीं ली गई, तो इस पर नियुक्ति नहीं होगी। अगर पद बेहद जरूरी है तो इसके लिए व्यय विभाग से मंजूरी लेनी पड़ेगी।”
कुछ अलग-अलग कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर हमें 5 सितंबर 2020 को नवभारत टाइम्स और आज तक द्वारा प्रकाशित की गई रिपोर्ट्स मिली। इन दोनों रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए वित्त मंत्रालय द्वारा सफाई दी गई थी। वित्त मंत्रालय द्वारा बताया गया था, “सरकारी नौकरियों में भर्ती पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। यूपीएससी (UPSC), एसएससी (SSC) और रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (RAILWAY RECURUITMENT BOARD) में पहले की तरह ही भर्ती की जाएगी।”
Ministry of Finance की वेबसाइट पर हाल फिलहाल में इस तरह का कोई सर्कुलर जारी नहीं किया गया है। पुराने नोटिस को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
National Career Service की आधिकारिक वेबसाइट पर भी हमें ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली, जिससे साबित होता हो कि केंद्र सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों पर पाबंदी लगाई हो।
संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) की आधिकारिक वेबसाइट पर सरकारी नौकरियों की वैकेंसी निकल रही है। इस समय National Defense Academy and Naval Academy Examination (II), 2021 की नियुक्ति का फॉर्म निकला हुआ है। इससे साबित होता है कि केंद्र सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों पर पाबंदी नहीं लगाई गई है।
Staff Selection Commissionकी आधिकारिक वेबसाइट पर हमें वायरल दावे से संबंधित कोई जानकारी नहीं मिली। एसएससी में भी सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए वैकेंसी निकल रही है।
ट्विटर खंगालने पर हमें 5 सितंबर 2020 को Ministry of Finance द्वारा किया गया एक ट्वीट मिला। इस ट्वीट के जरिए मेमोरेंडम को लेकर फैल रहे कन्फ्यूजन पर स्पष्टीकरण जारी किया गया था। वित्त मंत्रालय ने ट्वीट के ज़रिए बताया कि भारत सरकार ने सरकारी पदों पर पाबंदी नहीं लगाई है। यूपीएससी, एसएससी, आरआरबी जैसी सरकारी एजेंसियों में भर्ती प्रकिया पहले की तरह ही जारी रहेगी।
PIB Fact Check द्वारा किए गए ट्वीट में वायरल वीडियो को भ्रामक बताया गया है। ट्वीट के ज़रिए बताया गया है कि SSC, UPSC, RRB जैसी सरकारी एजेंसियों के माध्यम से भर्तियां सामान्य रूप से जारी रहेंगी।
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YouTube खंगालने पर हमें News 24 के आधिकारिक चैनल पर 5 सितंबर 2020 को अपलोड हुआ पूरा वीडियो प्राप्त हुआ। सोशल मीडिया पर असली वीडियो के कुछ हिस्से को शेयर किया जा रहा है। 1 मिनट 46 सेकेंड से 2 मिनट 26 सेकेंड के बीच के हिस्से को असली वीडियो से निकालकर शेयर किया जा रहा है।
Conclusion
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो का बारीकी से अध्ययन करने पर हमने पाया कि सरकारी कर्मचारियों की नियुक्तियों को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल हुआ वीडियो साल 2020 का है जिसे अभी का बताकर शेयर किया जा रहा है।
Result: Misleading
Our Sources
Union Public Service Commission
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