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सोशल मीडिया ऐसा मंच है जहां हर उस छोटी बड़ी घटना का विश्लेषण किया जाता है जो हमारे आसपास या देश दुनिया में घटित होती हैं। कई बार ऐसी ही घटनाओं पर कई सोशल मीडिया यूजर्स फेक दावे भी शेयर करते हुए देखे जाते हैं। इस सप्ताह भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। एक तरफ जहां काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन करने काशी पहुंचे देश के पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर एडिटेड वीडियो गलत दावे के साथ शेयर किया गया तो वहीं, कई ऐसे भ्रामक दावे भी शेयर किए गए जो देश की गंगा जमुनी तहजीब को प्रभावित कर सकते थे। हमारी टीम ने इस सप्ताह वायरल हुए कुछ ऐसे ही दावों का फैक्ट चेक किया है।
क्या वाराणसी में लोगों ने नरेंद्र मोदी के विरोध में लगाए नारे?
सोशल मीडिया पर एक वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया गया कि वाराणसी पहुंचे पीएम मोदी का वहां के स्थानीय लोगों ने विरोध किया। हमारी पड़ताल में पता चला कि शेयर किया गया वीडियो एडिटेड है।
वायरल हुए वीडियो में पीएम मोदी की तारीफ कर रहा व्यक्ति नहीं है कांग्रेस प्रवक्ता
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि कांग्रेस प्रवक्ता ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफों के पुल बांधे। हमारी पड़ताल में वायरल हुआ दावा भ्रामक साबित हुआ।
क्या राजस्थान की है धर्म परिवर्तन के नाम पर सोशल मीडिया पर शेयर की गई यह तस्वीर?
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर को शेयर कर दावा किया गया कि राजस्थान में एक ही परिवार के 5 लोगों ने हिन्दू धर्म छोड़कर इस्लाम धर्म अपना लिया है। हमारी पड़ताल में वायरल हुआ दावा फेक साबित हुआ।
आगरा में बीजेपी के दो गुटों के बीच हुए आपसी विवाद का वीडियो भ्रामक दावे के साथ हुआ वायरल
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि उत्तर प्रदेश की जनता द्वारा भाजपा नेताओं की पिटाई कर उनको सबक सिखाया गया। हमारी पड़ताल में पता चला कि वायरल दावा भ्रामक है।
मुस्लिम युवक द्वारा छेड़खानी का विरोध करने पर एक मासूम बच्ची की चाकू से गोदकर हत्या किये जाने के नाम पर शेयर किया गया भ्रामक दावा
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि मुस्लिम युवक द्वारा छेड़खानी का विरोध करने पर एक मासूम बच्ची की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई. इस वीडियो को लव जिहाद के एंगल से शेयर किया गया था। हमारी पड़ताल में वायरल हुआ दावा भ्रामक साबित हुआ।
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