Friday, December 19, 2025

Common Myth

शुतुरमुर्ग ख़तरे के समय रेत में अपना सिर डालकर छिप जाते हैं!

Written By Neha Verma
Jan 4, 2020
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Common Myth

एक कहावत तो आप सभी लोगों ने सुनी ही होगी ‘शुतुरमुर्गी चरित्र’, दरअसल मुहावरें और कहावतें सदियों के अनुभव का निचोड़ होती हैं। हम एक बात सुनते आ रहे हैं कि शुतुर्मुर्ग खतरे को भांपकर रेत में सिर छिपा लेता है और कंकड़-पत्थर खाकर जीवित रहता है। वह इस उम्मीद में सिर छिपा लेता है कि कुछ देर में खतरा टल जाएगा। अगर वो ऐसा करता भी है तो सोचने वाली बात यह है कि वह मिट्टी के अंदर सांस कैसे लेता है? आपको बता दें कि इसी घटना की वज़ह से शुतुर्मुर्ग को बुद्धिहीन जन्तुओं में गिना जाता है। पर क्या वाकई शुतुर्मुर्ग खतरे के समय रेत में अपना सिर डालकर छिप जाते हैं?

Fact

यह बात सच है कि शुतुर्मुर्ग पक्षी होने के बावज़ूद उड़ नहीं पाता। परंतु शुतुर्मुर्ग दो पैरों वाले जीवों में सबसे तेज़ दौड़ता है। ज़रूरत पड़ने पर यह तकरीबन 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भी दौड़ सकता है। अब सोचने वाली बात यह है कि बाइक की रफ्तार से भागने वाले जन्तु को खतरे से बचने के लिए भाग जाने में क्या मुश्किल होगी। आपको बता दें कि शुतुर्मुर्ग 6-10 फीट लंबा होता है और इसका वज़न लगभग 150 किलो होता है। शुतुर्मुर्ग के पैर इतने मजबूत होते हैं कि यह अपने पैर से कुत्ते और सियार जैसे जानवरों को एक लात में मारकर गिरा सकता है। फिर खतरा महसूस होने पर शुतुर्मुर्ग को रेत में अपना सिर छिपाने की आवश्यकता क्यों होती है? यह केवल एक भ्रम है और इस भ्रम के प्रचलित होने का करण यह है कि शुतुर्मर्ग नर और मादा हमेशा एक साथ रहते हैं, जब अंडे देने का समय आता है तो वह अपने अंडों को सुरक्षित रखने के लिए लगभग 6-8 फीट चौड़ा और 2 से 3 फीट गहरा गड्ढा बनाते हैं। गड्ढा बनाने के बाद वह बारी-बारी अंडों की देखभाल करने के लिए अपना सिर गड्ढे में घुसाए रखते हैं। दूर से देखने पर लोगों को लगा कि शुतुर्मुर्ग ने डर के कारण अपना सिर रेत में छिपा रखा है। यहां एक रोचक बात यह है कि अंडे सेने की जिम्मेदारी केवल मादा की ही नहीं होती। नर और मादा मिलकर दोनों अंडों को सेते हैं। शुतुर्मुर्ग का अंडा लगभग नारियल के आकार का होता है। 

आपकों बता दें कि इतना बड़ा औऱ ताकतवर जीव जो खतरे की स्थिति में लड़ भी सकता है और बहुत आसानी से वहां से भाग भी सकता है, उसे अपना सिर डर से मिट्टी में छिपाने की जरूरत नहीं है। 

Sources


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