Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.
ये कौम सुधरने वाली नही है, केवल एक ही इलाज है। एक मोटी लाठी इनके पिछवाड़े में होनी चाहिए। सुनिए इस जिहादी की धमकी।
एक तरफ जहां कोरोना वायरस पूरी दुनिया को खून के आंसू रुला रहा है तो वहीं एक जलसे वाला वीडियो क्लिप तेजी से सोशल मीडिया के कई माध्यमों पर शेयर किया जा रहा है। एक जगह इकठ्ठा हुए कुछ नमाजियों के बीच एक मौलाना को सुना जा सकता है कि, सारे कायदे कानून शरीयत के हिसाब से निभाए जा रहे हैं। लेकिन कोई यह ना कहे कि मस्जिदों से बाहर निकलना पड़ेगा या उन्हें खाली करना पड़ेगा। मौलाना को यह कहते हुए भी सुना जा सकता है कि यदि मस्जिदों को खाली कराया गया तो यह पक्का हो जाएगा कि हुकूमत अमेरिका के इशारे पर चल रही है। क्लिप देखने और सुनने पर ऐसा लगता है कि कुछ लोगों के बीच खड़ा मौलाना लोगों को यह समझा रहा है कि वे किसी भी हालात में मस्जिद खाली नहीं करेंगे इसके लिए सबको एक साथ आने की जरूरत है साथ ही मस्जिद खाली ना करने की बिसात पर जान जाने का भी खौफ ना होने की बात की जा रही है। क्लिप के वायरल हो जाने पर कई लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
फैक्ट चेक:
सोशल मीडिया पर मौलाना द्वारा वायरल इस वीडियो क्लिप को कई कैप्शंस के साथ शेयर किया गया है। कई लोग इस वीडियो को गद्दारी का नाम दे रहे हैं तो कोई अलग ही अंदाज़ में कोस रहा है। कुछ कीवर्ड के माध्यम से खोजने पर पता चला कि फेसबुक सहित ट्वीटर पर भी इस दावे को तेजी से शेयर किया गया है।
ये कौम सुधरने वाली नही है, केवल एक ही इलाज है
एक मोटी लाठी इनके पिछवाड़े में होनी चाहिए ..
सुनिए इस जिहादी की धमकी , कैसे सरेआम सरकार के आदेशों को मानने से इंकार कर रहा है ! pic.twitter.com/oJlnYqZPXW
— संदीप नाम✍️ हिन्दी में लिखे⚙️१००%फाँँलो बैक (@dubey2490) April 13, 2020
वायरल वीडियो को inVID टूल की मदद से कई कीफ्रेम्स में तोड़ते हुए स्क्रीनशॉट को गूगल रिवर्स इमेज के माध्यम से खोजना शुरू किया। इस दौरान मस्जिद से सम्बंधित कई कीवर्ड्स गूगल में सर्च किया लेकिन कुछ परिणाम हाथ नहीं लगा। वीडियो को बारीकी से सुनने के बाद कुछ अन्य कीवर्ड्स की मदद से गूगल खंगालना शुरू किया। क्लिप में मुफ़्ती को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि हमने फ़ौज भी देखी है और जेल भी देखी है। ऐसे शब्दों का प्रयोग होने के चलते शक हुआ कि कहीं क्लिप कश्मीर के किसी इलाके की तो नहीं है? शक होने पर हमने कश्मीर के नाम से कुछ कीवर्ड डालकर खोजना आरम्भ किया। इस दौरान कुछ लिंक्स मिले लेकिन उनसे वीडियो की सत्यता प्रमाणित नहीं हो पाती।
कई स्क्रीनशॉट्स के माध्यम से वायरल दावे की सत्यता जानने का प्रयास करने के बावजूद भी कहीं इस बात की पुष्टि नहीं हुई कि यह वीडियो भारत की है लिहाज़ा पकिस्तान के नाम से वीडियो को खोजना आरम्भ किया। इस दौरान कुछ कीवर्ड की मदद से खोजने पर पता चला कि हकीकत टीवी द्वारा इस वीडियो को ट्वीट किया गया है। यह ट्वीट उर्दू में है लिहाज़ा ट्रांसलेट की मदद से यह जानने का प्रयास किया कि पोस्ट में लिखा क्या है। ट्रांसलेट करने से पता चला कि वीडियो में लोगों को उकसा रहा व्यक्ति एक मुफ़्ती है जिसका नाम काफायतुल्लाह है। ट्वीट के मुताबिक़ यह व्यक्ति कुछ दिन पहले एक रेप आरोपी को भी शरण दे चुका था।
مفتی کفایت اللہ جو چند دن پہلے ایک بچے کا ریپ کرنے والے قاری کو چھپا کر بیٹھا تھا اب فساد مچا رہا ریاست کے خلاف….
یہ لوگ جا کر سعودی عرب میں کیوں بات نہیں کرتے کہ حرم اور مسجد نبوی کیوں بند کی وہاں پر تو حدیث موجود ہے کہ دجال اور طاعون جیسی بیماری نہیں آسکتی.. وہاں یہ چپ ہیں pic.twitter.com/70R1CF8DmF
मुफ़्ती किफ़ायतुल्लाह नाम से गूगल खंगालने पर एक यूट्यूब वीडियो मिली। वीडियो Mufti Kifayatullah Official नामक चैनल पर अपलोड की गई है इससे लगता है कि यह यूट्यूब चैनल इसी मुफ़्ती का ही होगा। इस वीडियो में 2 मिनट 36 सेकंड से वायरल क्लिप को देखा जा सकता है।
खोजने के बाद टाइम्स ऑफ़ इंडिया का एक लेख प्राप्त हुआ। लेख में रायटर्स के हवाले से बताया गया है कि मुफ़्ती ने लोगों के बीच साफ कहा था कि वे अपनी मस्जिदों पर ताला नहीं लगाने देंगे।
ISLAMABAD: Sabir Durrani says he offers prayers almost every day at a mosque in the central Pakistani city of Multan. He says that often a dozen or more men are in attendance – none of them wearing protective face masks.
खोज के दौरान ही South Asia Media Research Institute के हैंडल से किया एक ट्वीट प्राप्त हुआ। इस ट्वीट में भी वायरल वीडियो को अपलोड करते हुए कहा गया है कि मुफ़्ती ने मस्जिद में इकठ्ठा लोगों से कहा कि वे कोरोना के खिलाफ जागरूकता फैलाएंगे लेकिन उन्हें यह बात कदाचित स्वीकार नहीं होगा कि अमेरिका के इशारे पर उनकी मस्जिदों में तालेबंदी की जाए।
Thousands of devout Pakistani Muslims are claiming “God is with us” and only westerners can die from coronavirus as they brazenly violate social-distancing orders to pray in mosques amid the global coronavirus pandemic.
वायरल दावे की पड़ताल के दौरान यह साफ़ हो गया कि जिस वीडियो को भारत का बताकर वायरल किया जा रहा है असल में वह पाकिस्तान का है जहां एक मुफ़्ती मस्जिद में इकठ्ठा भीड़ को सम्बोधित कर रहा है।
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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.
Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.