Authors
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.
सोशल मीडिया पर अखबार की एक कटिंग शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि बिहार में कोरोना वायरस के कारण 31 मार्च तक स्कूल-कॉलेज, चिड़ियाघर और सिनेमा हॉल बंद कर दिए गए हैं.
कोरोना वायरस की दूसरी लहर ऐसे तो काफी पहले आ चुकी है, लेकिन भारत के अधिकांश राज्यों में कोरोनावायरस के मामलों में पहले की अपेक्षा संतुलित बढ़ोत्तरी की वजह से कोरोना मामलों की दूसरी लहर का आम जनमानस पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा. महानगरों में लोग कोरोना वायरस को लेकर अभी भी काफी हद तक परहेज कर रहें हैं. लेकिन ग्रामीण भारत में कोरोना का भय नाम मात्र ही रह गया है. भारत में वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया जनवरी से शुरू हो गई है. लेकिन देश की आबादी ज्यादा होने की वजह से पूरे देश को वैक्सीन लगाने में अभी काफी समय लग सकता है.
ऐसे में लोगों का वायरस के प्रति लापरवाह रवैया भारत को एक बार फिर उसी स्थिति में पहुंचा सकता है, जहां पिछले साल वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन तथा अन्य मानक प्रयोग में लाये गए थे. सोशल मीडिया पर लॉकडाउन से जुड़े तमाम दावे धड़ल्ले से शेयर किये जा रहें हैं. जिनकी वजह से आमजनमानस में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. हालांकि केंद्र समेत सभी राज्य सरकारें लॉकडाउन लगाने की खबरों को महज अफवाह बताते हुए स्थिति नियंत्रण में होने का दावा कर रहीं हैं. इसके बाद भी लॉकडाउन के कयासों वाले दावे शेयर हो रहे हैं.
इसी क्रम में सोशल मीडिया पर अखबार की एक कटिंग शेयर कर यह दावा किया कि बिहार में कोरोनावायरस के कारण 31 मार्च तक स्कूल-कॉलेज, चिड़ियाघर और सिनेमा हॉल बंद कर दिए गए हैं. यह दावा फेसबुक, शेयरचैट तथा WhatsApp ग्रुप्स में ख़ासा वायरल हो रहा है. बता दें कि पूर्व में 31 मार्च तक स्कूल-कॉलेज बंद होने समेत कई दावे वायरल हो चुके हैं। जिनका हमारी टीम ने फैक्ट चेक किया है.
Fact Check/Verification
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने वायरल दावे के साथ शेयर की जा रही अखबार की कटिंग से हेडलाइन ’31 मार्च तक स्कूल-कॉलेज, चिड़ियाघर और सिनेमा हॉल बंद’ को गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें वायरल दावे से संबंधित कई मीडिया रिपोर्ट्स प्राप्त हुईं। लेकिन ये सभी मीडिया रिपोर्ट्स पिछले साल मार्च में प्रकाशित की गई थी.
गूगल सर्च से प्राप्त परिणामों को देखकर हमें यह जानकारी मिली कि वायरल दावा कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए पिछले साल बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार के उस वक्तव्य से संबंधित है, जिसमे नितीश कुमार ने वायरस को फैलने से रोकने के लिए लोगों की आवाजाही से संबंधित कई बड़ी घोषणायें की थी.
इसके बाद हमें बिहार के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट प्राप्त हुआ. जिसमें 31 मार्च तक स्कूल-कॉलेज, चिड़ियाघर और सिनेमा हॉल बंद होने के दावे को गलत बताया गया है. बिहार के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा शेयर किये गए ट्वीट में जानकारी दी गई है कि, “Social Media में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के एक फर्जी पत्र द्वारा #COVID19 के कारण स्कूल बंद किये जाने की बात वायरल की जा रही है, वो गलत है, और शिक्षा विभाग उसका खंडन करता है। अफवाहों से बचें।”
इसके बाद कुछ कीवर्ड्स की सहायता से गूगल सर्च करने पर हमें दैनिक जागरण द्वारा 20 मार्च 2021 को प्रकाशित एक लेख में यह जानकारी दी गई है कि बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने बड़ा बयान देते हुए इस बात का संकेत दिया है कि सूबे में फिलहाल लॉकडाउन नहीं लगेगा तथा शिक्षण संस्थान खुले रहेंगे.
इसके अतिरिक्त हमें बिहार के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा शेयर किया हुआ एक ट्वीट प्राप्त हुआ। जहाँ मुख्यमंत्री नितीश कुमार की कोरोना वायरस के मद्देनजर समीक्षा बैठक को लेकर एक प्रेस विज्ञप्ति भी शेयर की गई है. गौरतलब है कि उक्त ट्वीट में यह बात स्पष्ट रूप से लिखी गई है कि शिक्षण संस्थान फिलहाल बंद नहीं होंगे. हालांकि पूरे दस्तावेज में चिड़ियाघर या सिनेमा को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है.
Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि 31 मार्च तक स्कूल-कॉलेज, चिड़ियाघर और सिनेमा हॉल बंद किये जाने का यह दावा गलत है.
Result: False
Sources
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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.