सोशल मीडिया पर एक तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि कश्मीर में पकड़े गए आतंकी ने कहा है कि RSS उन्हें हथियार और पैसा मुहैया कराता है। 1 मई 2025 को किये गए इंस्टाग्राम पोस्ट (आर्काइव ) में एक तस्वीर के साथ दावा किया गया है कि “पकड़े गए जिंदा कश्मीरी आतंकी ने पूछताछ के दौरान कहा कि RSS हमें हथियार और पैसा मुहैया कराती है और हिंदुओं को मारने के लिए कहती है, ताकि हिन्दुओ के दिमाग मे मुसलमानों के लिए नफरत भरी जा सके।” पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, “जहां जहां मुसलमान ढूंढोगे.. वहां वहां बीजेपी, RSS, टनाटनी निकलेगा।”
ऐसे अन्य पोस्ट्स का आर्काइव यहाँ और यहाँ देखें।

Fact Check/Verification
दावे की पड़ताल के लिए हमने “कश्मीर में पकड़े गए आतंकी ने कहा है कि RSS उन्हें हथियार और पैसा मुहैया कराता है” की-वर्ड्स को गूगल सर्च किया। इस दौरान हमें ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली जो वायरल दावे की पुष्टि करती हो।
अब हमने वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स सर्च किया। इस दौरान हमें तस्वीर के साथ 23 सितंबर 2016 को डीएनए इंडिया द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि BSF द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास एक पाकिस्तानी नागरिक को गिरफ्तार किया गया था। वह व्यक्ति पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़ा था। रिपोर्ट के अनुसार, BSF जम्मू फ्रंटियर के डीआईजी धर्मेंद्र पारीक ने पीटीआई को बताया था कि “पकड़े गए व्यक्ति ने अपनी पहचान 32 वर्षीय अब्दुल कयूम के रूप में बताई है, जो पाकिस्तान के सियालकोट जिले के पुल बाजुआन गांव निवासी भाग अली का बेटा है।”

जांच में आगे संबंधित की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें वायरल तस्वीर में नजर आ रहे व्यक्ति की फोटो और वीडियो के साथ 8 साल पहले प्रकाशित कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं। सभी रिपोर्ट्स में बताया गया है कि भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश करते समय BSF ने उसे जम्मू-कश्मीर के अखनूर से पकड़ लिया था। जांच के दौरान पता चला था कि इस आतंकी का नाम अब्दुल कयूम है और वह पाकिस्तान के सियालकोट का रहने वाला है। उस दौरान इस मामले पर इंडिया टीवी, न्यूज़ 18, इंडिया टुडे और क्विंट द्वारा भी रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी।
किसी भी रिपोर्ट में RSS का कहीं भी जिक्र नहीं किया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उसकी आतंकी ट्रेंनिंग पाकिस्तान के शेखुपुरा जिले के मुकरिदे में हुई थी। पूछताछ में कयूम ने बताया था कि वह लश्कर के लिए फंड जुटा रहा था।

Conclusion
जांच से हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि वायरल तस्वीर, साल 2016 में बीएसएफ द्वारा पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकी की है। अब यह तस्वीर आरएसएस से जोड़कर फर्जी दावे के साथ शेयर की जा रही है।
Sources
Report published by DNA on 23rd September 2016.
Report published by India TV on 24th September 2016.
Report published by News 18 on 24th September 2016.
Report published by India Today on 24th September 2016.
Report published by Quint on 24th September 2016.