सोमवार, अप्रैल 29, 2024
सोमवार, अप्रैल 29, 2024

होमFact CheckFact Check: क्या कर्नाटक सरकार ने सभी स्कूलों में कुरान पढ़ाना किया...

Fact Check: क्या कर्नाटक सरकार ने सभी स्कूलों में कुरान पढ़ाना किया अनिवार्य? यहां पढ़ें सच

Authors

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Claim
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने सभी स्कूलों में कुरान पढ़ाना अनिवार्य कर द‍िया है।
Fact
यह दावा फ़र्ज़ी है। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने सभी स्कूलों में कुरान पढ़ाना अनिवार्य नहीं किया है।

सोशल मीडिया पर एक दावा वायरल हो रहा है कि ‘कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने सभी स्कूलों में कुरान पढ़ाना अनिवार्य कर द‍िया है।’ X (पूर्व में ट्विटर) पर एक यूजर ने वीडियो पोस्ट कर कैप्शन में लिखा है कि “कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने सभी स्कूलों में कुरान पढ़ाना अनिवार्य कर द‍िया है। बस के फ्री टिकट, और 200 यूनिट फ्री बिजली के चक्कर में हिन्दुओं ने बीजेपी सरकार के विरोध में मतदान किया था। अब भुगतो, इसलिए सनातनियों फोकट खाने से बचो, नहीं तो धीरे धीरे मिटा दिये जाओगे।”

Courtesy :X /rudraashagmail1

वायरल हो रहे वीडियो में दिखता है कि एक स्कूल की प्रार्थना सभा में बकरीद का त्योहार मनाया जा रहा है। हम देखते हैं कि स्कूल के बच्चे हाथ जोड़कर बैठे हुए हैं और पीछे से क़ुरान की आयतों की आवाज आ रही है। उसके बाद एक अन्य छात्रा ने बकरीद का अर्थ समझाया और फिर स्कूल की अध्यापिका ने बच्चों को संबोधित किया और उन्हें ‘हैप्पी बकरीद’ की शुभकामनाएं दीं।

Fact Check/Verification

वायरल हो रह वीडियो के एक कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर मुंसिफ डेली की वेबसाइट पर 1 जुलाई 2023 को छपी एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में वायरल वीडियो के अंश को इमेज के रूप में देखा जा सकता है। इस रिपोर्ट को पढ़ने पर पता चला कि यह वीडियो कर्नाटक के चन्नरायपटना स्थित ज्ञानसागर इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल का है। बतौर रिपोर्ट, स्कूल में बकरीद का त्योहार मानाने के दौरान क़ुरान की आयतें पढ़ी गयीं थीं, उसी का वीडियो अब अलग-अलग दावे के साथ वायरल हो रहा है।

हमने अपनी जांच में पाया कि इस प्राइवेट स्कूल में बकरीद समारोह के दौरान छात्रों द्वारा इस्लामी आयतें पढ़ने/सुनने के बाद विवाद पैदा हो गया था। 1 जुलाई 2023 की कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलती हैं, जिनमें बताया जाता है कि एक हिन्दू संगठन से जुड़े लगभग छह-आठ स्थानीय लोग ज्ञानसागर इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल पहुंचे और आपत्ति जताई। उन्होंने पुलिस की मौजूदगी में स्कूल अधिकारियों से मुलाकात कर स्पष्टीकरण मांगा।

Courtesy : News Nine

एक वीडियो रिपोर्ट में पुलिस की मौजूदगी में स्कूल की प्रिंसिपल सुजा फिलिप के हवाले से कहा गया है, ”हमने केवल छात्रों में आध्यात्मिकता पैदा करने के लिए ऐसा किया। हमारा कोई और इरादा नहीं था। यदि यह गलत है तो हम सुनिश्चित करेंगे कि आगे से ऐसा नहीं किया जाएगा। हम सभी त्यौहार यहीं मनाते हैं। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि किसी भी बच्चे को कुरान का पाठ नहीं कराया गया। केवल तीन मुस्लिम छात्रों ने इसे सुनाया। यह एक धर्मनिरपेक्ष विद्यालय है।”

Courtesy : Daily Salar Digital

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने खोजा कि क्या कर्नाटक सरकार की ओर से राज्य के सभी स्कूल में कुरान अनिवार्य रूप से पढ़ाए जाने का कोई आदेश जारी किया गया है। हमने कर्नाटक सरकार के शिक्षा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर भी खोजा, लेकिन हमें इस दावे से सम्बंधित कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ। इसके अलावा, स्कूलों में कुरान पढ़ाए जाने से संबंधित कोई प्रेस विज्ञप्ति भी जारी नहीं की गई है। हमें वायरल दावे की पुष्टि करने वाली कोई मीडिया रिपोर्ट भी नहीं मिली। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि वायरल दावा फर्जी है।

Conclusion

अपनी जांच में हमने पाया कि वायरल दावा झूठा है। कर्नाटक सरकार ने सभी स्कूलों में कुरान पढ़ाना अनिवार्य नहीं किया है।

Result: False

Our Sources
Report by News nine dated July 1, 2023
Statement by the school principal of Jnanasagara International Public School, Suja Philip in the video report by Daily Salar Digital, dated July 1, 2023

किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in

फैक्ट-चेक और लेटेस्ट अपडेट्स के लिए हमारा WhatsApp चैनल फॉलो करें: https://whatsapp.com/channel/0029Va23tYwLtOj7zEWzmC1Z

Authors

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Most Popular