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महाकुंभ और कोरोना वायरस को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे दावों का फैक्ट चेक

कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर से ज्यादा खतरनाक मानी जा रही है। इसी बीच कुंभ मेले का आगमन हो गया और लाखों श्रद्धालु इसमें भाग लेने के लिए उमड़ पड़े हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर कुंभ मेले को लेकर वाद-विवाद शुरू हो गया। लोग कुंभ मेले को पिछले साल नमाज पढ़ने के लिए जमा हुए तब्लीगी जमात के लोगों से तुलना करने लगे। कुम्भ मेले की कुछ तस्वीरें और वीडियोज इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहे हैं।

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पहला दावा – सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। जिसमें लाखों लोग गंगा के किनारे जमा हैं। कुछ लोग इस तस्वीर को तब्लीगी जमात के लोगों की तस्वीर से तुलना करते हुए दावा कर रहे हैं कि, ‘अब कुंभ मेले को कोविड हॉटस्पॉट नहीं कहा जाएगा। कुंभ मेले में भक्तों को कोरोना को बढ़ावा देने वाले सुपर स्प्रेडर कभी नहीं कहा जाएगा। इससे ज्यादा क्या भेदभाव हो सकता है।’ 

पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।

पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।

दूसरा दावा – कुंभ मेले को लेकर एक और तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। वायरल तस्वीर में कुछ नागा साधु नदी में नहाते हुए नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि ये तस्वीर कुंभ मेले की है और इसके कैप्शन में लिखा गया है, ‘अंतर्राष्ट्रीय प्रेस चकित है कि हम अपना मास्क कितना नीचे पहनते हैं।’ 

महाकुंभ और कोरोना वायरस
महाकुंभ और कोरोना वायरस

पोस्ट से जुड़े आर्काइव लिंक को यहां देखा जा सकता है।

तीसरा दावा – इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है। वीडियो में हरिद्वार की सुनसान पड़ी रोड और खाली पड़े घाट को दिखाया गया है। इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि हरिद्वार की सड़कें खाली पड़ी हैं और घाट भी खाली हैं। वहां पर भी कोई स्नान नहीं कर रहा है। लेकिन सोशल मीडिया पर वामपंथी और जिहादी लोग हिंदुओं की आस्था को बदनाम कर रहे हैं। हिंदुओं की तुलना तब्लीगी जमात से कर रहे हैं और उन्हें कोरोना फैलाने वाला कह रहे हैं।

महाकुंभ और कोरोना वायरस की इस पोस्ट से जुड़े आर्काइव लिंक को यहां देखा जा सकता है।

Fact Check/Verification

पहले दावे की सच्चाई – वायरल तस्वीर का सच जानने के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर से जुड़ी BBC की एक रिपोर्ट मिली। जिसमें इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था। इस रिपोर्ट को 29 जनवरी 21 को प्रकाशित किया गया था। इस रिपोर्ट के मुताबिक वायरल तस्वीर का इस साल हो रहे कुंभ मेले से कोई संबंध नहीं हैं। रिपोर्ट के अनुसार वायरल तस्वीर प्रयागराज में 2019 में हुए अर्ध कुम्भ मेले के दौरान की है। जिसे अब गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।

महाकुंभ और कोरोना वायरस
महाकुंभ और कोरोना वायरस

दूसरे दावे की सच्चाई – वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर से जुड़ी एक रिपोर्ट Jaytindall.asia की वेबसाइट पर मिली। इस रिपोर्ट को 14 फरवरी 2013 को प्रकाशित किया गया था। इस रिपोर्ट में इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा गया है, ‘महाकुंभ मेला : 100 मिलियन लोग दुनिया के इस सबसे बड़े त्योहार से जुड़े।’ अपनी इस रिपोर्ट में लेखक ने 2013 में कुंभ मेले में शामिल होने के अपने अनुभव को साझा किया है।

महाकुंभ और कोरोना वायरस
महाकुंभ और कोरोना वायरस

तीसरे दावे की सच्चाई- वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो को ध्यान से देखा। इस दौरान हमें वीडियो में Hotel Ganges Park का नाम नजर आया। जिसके बाद हमने गूगल पर इस होटल के बारे में सर्च किया। इस दौरान हमें पता चला कि ये होटल हरिद्वार में हैं। फिर हमने इस होटल के मैनेजर से इस बारे में बातचीत भी की। उन्होंने हमें बताया कि, “ये वीडियो काफी समय से सोशल मीडिया पर वायरल है। मुझे कई बार इस वीडियो के बारे में पूछा जा चुका है।

ये वीडियो तो सही है, लेकिन इसे लेकर जो दावा किया जा रहा है वो गलत है। वीडियो शाम 3 बजे के बाद शूट किया गया है। लेकिन ज्यादातर लोग सुबह पवित्र स्नान के लिए जाते हैं। इसके अलावा, फ्लाईओवर खाली है, क्योंकि लोगों को अपने वाहनों को एक पॉइंट पर छोड़ना पड़ता है और उसके बाद ही वो आगे जा सकते हैं। आगे जाने के लिए मिनी बस की व्यवस्था है।”

पड़ताल के दौरान हमें वायरल वीडियो से जुड़ी Amar Ujala की एक रिपोर्ट मिली। जिसके मुताबिक वायरल वीडियो में दिख रहा घाट हर की पौड़ी नहीं बल्कि प्रेम नगर आश्रम घाट है। जहां पर काफी कम भीड़ रहती है। महाकुंभ और कोरोना वायरस को लेकर किए जा रहे ये सभी दावे गलत हैं। 

महाकुंभ और कोरोना वायरस
महाकुंभ और कोरोना वायरस

 

Conclusion

हमारी पड़ताल में मिले तथ्यों के मुताबिक महाकुंभ और कोरोना वायरस को लेकर किए जा रहे वायरल दावे गलत हैं। साल 2019 में प्रयागराज के अर्ध कुंभ की तस्वीर को इस साल की बातकर सोशल मीडिया पर शेयर किया गया। तो वहीं साल 2013 कुंभ मेले की तस्वीर जिसमें नागा साधु स्नान कर रहे हैं। उसे गलत दावे के साथ शेयर किया गया। शाम 3 बजे प्रेम नगर आश्रम घाट के पास शूट किए गए वीडियो को गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया गया।

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Result: False



Our Sources

Amar Ujala – https://www.amarujala.com/technology/social-network/kumbh-mela-2021-viral-video-fact-check-ye-haridwar-kumbh-ka-sachha-video-hai

Jaytindall.asia-https://jaytindall.asia/story/maha-kumbh-mela-100-million-attend-the-worlds-largest-festival/

BBC –https://www.bbc.com/news/world-asia-india-46998178

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