सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत के बाद दलितों और पिछड़ों पर अत्याचार किया जा रहा है.
कल आये विधानसभा चुनावों के परिणामों के बाद पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर तथा गोवा में विजयी दलों के समर्थकों द्वारा मिठाई बांटकर तथा अबीर-गुलाल लगाकर खुशियां मनाई गई. जिन दलों को विधानसभा चुनावों में सफलता हासिल हुई है, उनके समर्थकों के बीच आने वाले 5 सालों तक सत्ता का सुख भोगने को लेकर उत्साह भी देखा गया है. आमतौर पर देखा जाता है कि चुनावों के परिणाम आने के बाद विपक्षी दलों के नेताओं और समर्थकों को निशाने पर लिया जाता है. हालांकि, इन पांचों ही राज्यों में छिटपुट घटनाओं को छोड़कर जीते दलों के समर्थकों द्वारा किसी हिंसक घटना को अंजाम दिए जाने की खबर नहीं आई है.
यूपी में दोबारा पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाली भाजपा पर पूर्व में सवर्णों की पार्टी होने का आरोप लगता रहा है. हालांकि, पिछले 10 वर्षों में पार्टी का प्रदर्शन देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि आम जनमानस के बीच इस नैरेटिव को ज्यादा स्वीकार्यता नहीं मिल पाई है.
इसी क्रम में सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत के बाद दलितों और पिछड़ों पर अत्याचार किया जा रहा है.

Fact Check/Verification
उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत के बाद दलितों और पिछड़ों पर अत्याचार के नाम पर शेयर किये जा रहे इस वीडियो की पड़ताल के दौरान हमें यह जानकारी मिली कि हमने पूर्व में भी इस वीडियो की पड़ताल की है.

बता दें कि पूर्व में यह वीडियो भाजपा सांसद द्वारा युवक की पिटाई के नाम पर शेयर किया गया था, जिसके बाद 4 अक्टूबर, 2019 को हमने वायरल वीडियो की पड़ताल की थी. वायरल वीडियो की पड़ताल के दौरान हमने कैमूर के पुलिस अधीक्षक से भी बात की थी. Newschecker से बात करते हुए कैमूर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने कहा था, “यह घटना आपसी रंजिश की वजह से हुई है। पार्षद पुत्र ने एक युवक को गोली मार दी जिसकी चिकित्सा के दौरान मृत्यु हो गई. उसके बाद भीड़ ने पार्षद पुत्र को पकड़ कर उसकी जमकर पिटाई कर दी, जिससे युवक की भी अस्पताल में मृत्यु हो गई। यह मामला कहीं से भी सांप्रदायिक नहीं है, यह एक आपराधिक मामला है। इस मामले में दोनों पक्षों की तरफ से एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पुलिस इस मामले में अपनी कार्रवाई कर रही है।”
गौरतलब है कि वायरल वीडियो को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा दलितों और पिछड़ों पर अत्याचार के नाम पर शेयर किये जाने के बाद, उत्तर प्रदेश पुलिस की फैक्ट चेक विंग ने भी वीडियो को बिहार के कैमूर जिले का बताया है.
Conclusion
इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत के बाद दलितों और पिछड़ों पर अत्याचार के नाम पर शेयर किया जा रहा यह दावा भ्रामक है. असल में वायरल वीडियो बिहार के कैमूर जिले का है, जहां पार्षद पुत्र द्वारा एक युवक को गोली मारकर हत्या करने के बाद भीड़ ने पार्षद पुत्र की जमकर पिटाई कर दी. जिससे युवक की अस्पताल में मृत्यु हो गई थी.
Result: False Context
Our Sources
Newschecker’s fact-check report
Report published by News18 Hindi
Newschecker’s telephonic conversation with Kaimur SP in 2019
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