Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
सोशल मीडिया पर भगवान बुद्ध की क्षतिग्रस्त हुईं प्रतिमाओं तथा मंदिर की कुछ तस्वीरें शेयर की जा रही हैं। तस्वीर शेयर करने वाले यूज़र का दावा है कि यह दृश्य हाल ही बांग्लादेश में देखने को मिला। जहां तब्लीगी जमात के कुछ बड़े नेताओं ने मंदिर पर हमला कर उसे क्षतिग्रस्त कर दिया है।
फेसबुक का लिंक यहाँ देखें।
Fact Check/Verification
गौतम बुद्ध की क्षतिग्रस्त हुई प्रतिमाओं की इन तस्वीरों को फेसबुक तेजी शेयर किया जा रहा है। फेसबुक पर रिपब्लिकन इंडिया नामक अकॉउंट से इन तस्वीरों को वायरल किया गया है। वायरल तस्वीरें हमें देखने में कुछ पुरानी लग रहीं थी। जिसके चलते हमने अपनी पड़ताल आरम्भ की।
हमने सबसे पहले वायरल तस्वीर को गूगल पर रिवर्स इमेज टूल की मदद से खोजने का प्रयास किया। इस दौरान वायरल तस्वीरें onlanka.com नाम की वेबसाइट के एक लेख में छपी हुई मिली।
प्राप्त लेख में इस बात की जानकारी दी गयी है कि 29 अक्टूबर 2012 में एक समुदाय विशेष के लोगों द्वारा भगवान बुद्ध के धार्मिक स्थलों पर हमला किया गया था।
लेख में आगे यह भी बताया गया है कि Bangladesh Buddhist Association UK and British Sri Lankan Forum जैसे संगठनों ने इसपर कड़ी निंदा की थी। साथ ही इन सगठनों ने उस वक्त की ब्रिटिश सरकार से आग्रह किया था कि वह इस घटना पर बांग्लादेश की सरकार पर दवाब बनायें। जिससे मंदिर पर हमला करने वाले आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की जाये और भविष्य में होने वाले हमलों पर लगाम लगाई जा सके।
उक्त मामले की जानकारी हमें lankaweb.com नाम की वेबसाइट से भी मिली। वेबसाइट पर 6 अक्टूबर साल 2012 को छपे एक लेख से उपरोक्त बताई गयी जानकारी की पुष्टि की गयी। यहाँ भी यह बताया गया है कि साल 2012 में बांग्लादेश में बौद्ध धर्म के धार्मिक स्थलों तथा धर्म में आस्था रखने वालों पर हमला किया गया था।
इसके साथ ही हमें बीबीसी न्यूज़ की वेबसाइट पर भी साल 2012 को छपा एक लेख मिला। जहां इस बात की जानकारी दी गयी है कि साल 2012 में मुस्लिम प्रदर्शनकारियों ने बुद्धिस्टों पर हमला किया था।
Conclusion
पड़ताल के दौरान कई टूल्स और कीवर्ड्स का उपयोग करते हुए हमने वायरल तस्वीर तथा उसके साथ पोस्ट हुए दावे का अध्ययन किया। इस दौरान हमने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रही घटना आठ वर्ष पुरानी है। जहां कुछ मुस्लिम प्रदर्शनकारियों द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया था।
Result: Misleading
Our Sources
BBC: https://www.bbc.com/news/world-asia-19780692
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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.