फ्रांस में भड़की हिंसा को लेकर इस हफ्ते कई फर्जी दावे तेजी से वायरल होते देखे गए। एक पोस्ट को शेयर कर कहा जाने लगा कि फ्रांस में शरणार्थियों ने रिपब्लिक स्क्वायर पर कब्जा कर लिया। मणिपुर हिंसा को लेकर एक वीडियो वायरल हो गया। दावा किया गया कि मणिपुर के स्थानीय लोगों ने बीजेपी नेताओं को पीटकर भगा दिया। भारतीय रेलवे को लेकर दावा किया गया कि सावन माह में भागलपुर स्टेशन पर नॉनवेज फूड नहीं परोसा जाएगा। यूपी की पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या को लेकर सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि उन्हें पारिवारिक विवाद के चलते पद से हटा दिया गया है। इसी तरह कई अन्य मामलों पर इस हफ्ते वायरल हुए टॉप 5 फर्जी खबरों का सच इस रिपोर्ट में पढ़ा जा सकता है।

अल्जीरियाई राष्ट्रपति के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन का पुराना वीडियो, फ्रांस में हुई हिंसा का बताकर वायरल
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि फ्रांस में हुई हिंसा के बीच पेरिस के रिपब्लिक स्क्वायर पर शरणार्थियों ने कब्जा कर लिया। हमारी पड़ताल में यह दावा फर्जी निकला। फैक्ट चेक यहां पढ़ा जा सकता है।

पश्चिम बंगाल में बीजेपी नेता के साथ हुई अभद्रता का पुराना वीडियो मणिपुर का बताया गया
बीजेपी नेताओं के साथ मारपीट करते कुछ लोगों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो के जरिये कहा जाने लगा कि मणिपुर में स्थानीय लोगों ने बीजेपी नेताओं को पीटकर भगा दिया। हमारी जांच में यह दावा फर्जी साबित हुआ। फैक्ट चेक यहां पढ़ा जा सकता है।

बांग्लादेश का वीडियो दिल्ली में मनाई गई बकरीद का बताकर वायरल
बकरीद के बाद खून से लाल हुई एक सड़क का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। यूजर्स दावा करने लगे कि यह वीडियो दिल्ली का है। हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक साबित हुआ। फैक्ट चेक यहां पढ़ा जा सकता है।

क्या भागलपुर स्टेशन पर सावन के दौरान नहीं परोसा जाएगा नॉनवेज फूड?
सोशल मीडिया सहित देश के कई मीडिया संस्थानों ने एक खबर प्रकाशित कर यह दावा किया कि सावन के महीने में भागलपुर स्टेशन पर नॉनवेज फूड नहीं परोसा जाएगा। हमारी पड़ताल में यह दावा फर्जी साबित हुआ। पूरा फैक्ट चेक यहां पढ़ा जा सकता है।

क्या पारिवारिक विवाद के चलते यूपी की पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या को उनके पद से हटा दिया गया?
यूपी की पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या पारिवारिक विवाद के चलते इस समय सुर्खियों में हैं। इसी बीच एक पोस्ट शेयर कर दावा किया गया कि इस विवाद के चलते उन्हें उनके पद से हटा दिया गया है। हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक साबित हुआ। फैक्ट चेक यहां पढ़ा जा सकता है।
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