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देश दुनिया में घटित किसी भी बड़ी घटना की जानकारी सोशल मीडिया माध्यमों पर सबसे पहले उपलब्ध हो जाती है। तकनीक के इस युग में नेता से लेकर अभिनेता तक, हर कोई सोशल मीडिया पर अपनी मौजूदगी दिखाना ही चाहता है। ऐसे में कई बार इन माध्यमों पर गलत या फिर भ्रामक जानकारियां भी शेयर हो जाती हैं, जिन्हें आम सोशल मीडिया यूजर सच मानकर आगे फॉरवर्ड कर देता है। इसी क्रम में इस सप्ताह भी कई गलत या फिर फेक जानकारियां शेयर की गई थीं, जिनका हमारी टीम ने फैक्ट चेक किया है।
क्या पीएम मोदी ने पत्र लिखकर देशवासियों से की यह अपील?
सोशल मीडिया पर एक पत्र के माध्यम से दावा किया गया था कि पीएम मोदी ने देशवासियों से अपील करते हुए, दीवाली के अवसर पर सिर्फ भारत में निर्मित चीजों को खरीदने का आग्रह किया है। हमारी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ।
क्या टाटा ग्रुप द्वारा अपने ग्राहकों के लिए निकाली गई यह स्कीम?
सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि टाटा ग्रुप द्वारा अपने ग्राहकों के लिए कार जीतने की लॉटरी निकाली गई है। हमारी पड़ताल में यह दावा फेक साबित हुआ।
राजस्थान में पुजारी को जलाए जाने की पुरानी घटना को हालिया दिनों का बताया गया।
सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि राजस्थान में एक पुजारी को ज़िंदा जला दिया गया। हमारी पड़ताल में पता चला कि यह घटना हालिया दिनों की नहीं बल्कि पुरानी है।
क्या हालिया दिनों में राजस्थान में हुआ योग गुरु रामदेव का विरोध?
सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि जोधपुर में बाबा रामदेव का विरोध हुआ, जिसके चलते उन्हें वहां से वापस लौटना पड़ा। हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक साबित हुआ।
दिल्ली सरकार द्वारा गांधी जयंती पर दिए गए विज्ञापन की एडिटेड तस्वीर सोशल मीडिया पर हुई वायरल
सोशल मीडिया पर एक विज्ञापन की तस्वीर वायरल हुई थी, जिसमें दावा किया गया था कि दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल ने गाँधी जयंती पर दिए गए विज्ञापन में खुद की तस्वीर, महात्मा गांधी से बड़ी प्रकाशित करवाई थी। हमारी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ।