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Fact Check
कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश में तांडव मचा रखा है। बीते 24 घंटे में कोरोना के 4,01,993 नए मामले आए हैं, जबकि 3,523 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना महामारी ने देश के सिस्टम की पोल खोल कर रख दी है। मौजूदा हालात को देखते हुए कहा जा सकता है कि कोरोना महामारी को लेकर सरकारों द्वारा किए गए इंतजाम नाकाफी हैं। लोग तड़प-तड़प कर अस्पतालों के सामने मर रहे हैं। हर दिन सोशल मीडिया पर लोगों की कोरोना से होने वाली मौत के कई वीडियो और तस्वीरें वायरल होती हैं। देश के इन्हीं हालातों को सुधारने के लिए लोग भी एक-दूसरे की मदद करने में जुटे हैं। लोग सोशल मीडिया पर जरूरी जानकारियां शेयर कर रहे हैं। लेकिन इसी बीच कोरोना से जुड़ी कई भ्रामक तस्वीरें और वीडियोज भी वायरल हो रहे हैं। हमारी टीम ने इस हफ्ते ऐसे ही कई फेक दावों का सच दुनिया के सामने रखा है।

WhatsApp ग्रुप्स पर एक पोस्ट खूब वायरल हो रही है। जिसमें लिखा हुआ है कि यदि दिल्ली एनसीआर में किसी को प्लाज्मा की जरूरत है, तो वो इन नम्बर्स पर संपर्क कर सकता है। नीचे प्लाज्मा डोनर के ब्लड ग्रुप को बताते हुए कुछ लोगों के नंबर भी लिखे हुए हैं। जब हमने दावे की पड़ताल की तो पाया कि ये वायरल दावा फर्जी है।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा। जिसमें कुछ लोग बुरी हालत में जमीन पर पड़े हुए हैं। उनकी हालत इतनी ज्यादा खराब है कि वो उठ भी नहीं पा रहे हैं। इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि, ये वीडियो भारत के हालिया हालातों का है। सड़क पर पड़े ये लोग कोविड मरीज हैं जो ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं। जब हमने दावे की पड़ताल की तो पाया कि ये वीडियो एक साल पुराना है।

बाइक पर महिला का शव ले जाते हुए एक तस्वीर वायरल है। दावा किया गया है कि महिला की मौत के बाद भी उसके शव को एम्बुलेंस नसीब नहीं हुई तो उसके बेटे और पति मजबूरी में शव को बाइक पर ले गए। जब हमने दावे की पड़ताल की तो पाया कि वायरल दावा भ्रामक है।

सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि लौंग, इलायची, कपूर और जावित्री के फूल की पोटली बनाकर जेब में रखने से कोरोना वायरस तो क्या कोई भी वायरस आपको नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा। जब हमने दावे की पड़ताल की तो पाया कि ये दावा पूरी तरीके से गलत है।

व्हाट्सएप पर 30 सेकेंड की एक वीडियो शेयर की जा रही है। इस वीडियो में ऑक्सीजन और सांस रोककर कोरोना जांच की बात कही गई है। दावा किया जा रहा है, ‘इस फॉर्मूला से आप सांस रोककर ऑक्सीजन लेवल चेक कर सकते हैं और जान सकते हैं कि आप कोरोना संक्रमित हैं या नहीं।’ जब हमने दावे की पड़ताल की तो पाया कि ये दावा फर्जी है।
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Komal Singh
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Komal Singh
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Runjay Kumar
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