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Fact Check
क्या उत्तर प्रदेश सरकार ने गांजा पीने वालों के लिए वैकेंसी निकाली? या फिर दिल्ली में निर्माणाधीन मेट्रो का पिलर गिर जाने से हुई कई लोगों की मौत? बीते हफ्ते सोशल मीडिया पर इसी तरह की कई फर्जी खबरें वायरल हुईं. इनमें से Top 5 कुछ इस तरह से हैं.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो के जरिए दावा किया गया कि दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में निर्माणाधीन मेट्रो के एक पिलर गिर जाने से कई लोगों की मौत हो गई है. जब हमने पड़ताल की तो वीडियो पांच साल पुराना वाराणसी का निकला. मई 2018 में वाराणसी में एक निर्माणाधीन पुल का हिस्सा गिर गया था, जिससे 18 लोगों की मौत हो गई थी. वायरल वीडियो इसी हादसे का है. पूरी खबर यहां पढ़ी जा सकती है.

तुर्की-सीरिया में आए भूकंप के बाद 23 फरवरी 2023 को तजाकिस्तान में भी भूकंप आया. इसी से जोड़कर सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने लगा, जिसमें हिलती अलमारियों से सामान बाहर गिरते नजर आ रहा है. जांच में पता चला कि वीडियो दो साल से ज्यादा पुराना है और इसका तजाकिस्तान में आए भूकंप से कोई संबंध नहीं है. पूरी खबर यहां पढ़ी जा सकती है.

उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया पर एक अजीबोगरीब दावा भी वायरल हुआ. कहा जाने लगा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने गांजा पीने वालों के लिए नौकरी निकाली है, वह भी 80 लाख रुपए सैलरी की. हालांकि, यह दावा झूठा निकला. यह नौकरी जर्मनी की एक कंपनी ने निकाली है, ना कि यूपी सरकार ने. पूरी खबर यहां पढ़ी जा सकती है.

राजस्थान के एक मार-पिटाई के वीडियो को पिछले हफ्ते सांप्रदायिक रंग दिया गया. दावा हुआ कि राजस्थान में महाशिवरात्रि के मौके पर मुस्लिमों ने मंदिर के पुजारी और उसके परिवार पर हमला कर दिया. लेकिन सच यह है कि वीडियो में मारपीट करते दिख रहे लोग एक ही समुदाय के हैं और इसमें कोई संप्रदायिक एंगल नहीं है. पूरी खबर यहां पढ़ी जा सकती है.

जूते बनाने वाली कंपनी कैंपस को लेकर भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया गया. जूतों की कुछ तस्वीरों के साथ दावा किया गया कि कैंपस कंपनी ने राष्ट्रीय ध्वज के रंगों से अपना जूता बनाकर इसका अपमान किया. खोजने पर सामने आया कि यह तस्वीरें साल 2021 की है. कैंपस कंपनी ने इन जूतों के स्टॉक को पहले ही वापस ले लिया था और इसके लिए माफी भी मांग ली थी. पुरानी तस्वीरें शेयर कर भ्रम फैलाया जा रहा है.
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