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केंद्र को पैसे वापस भेजने के लिए देवेंद्र फडणवीस बनाए गए थे सीएम? यहां पढ़ें वायरल दावे का सच

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देवेंद्र फडणवीस केंद्र की 40 हजार करोड़ की निधि वापस भेजने के लिए बने थे 80 घंटों के लिए मुख्यमंत्री।  इस निधि को राष्ट्रवादी कांग्रेस, शिवसेना और कांग्रेस सत्ता में आकर हजम करना चाहती थी।  

 

 
 
Verification-
 
 
महाराष्ट्र में महाविकास आघाडी की सरकार बनने के बाद सोशल मीडिया में कई प्रकार के दावे वायरल हो रहे हैं। ऐसा ही एक दावा पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस को लेकर शेयरचैट समेत कई सोशल मीडिया माध्यमों पर वायरल हो रहा है। इसमें कहा गया है कि महाराष्ट्र में दोबारा 80 घंटों के लिए मु्ख्यमंत्री बने फडणवीस ने केंद्र द्वारा दी गई 40 करोड़ की निधि को वापस भेज दी।
 
दावा किया जा रहा है कि फडणवीस को पहले से पता था कि वें बहुमत जुटा नहीं पाएंगे लेकिन इसके वाबजूद उन्होंने सीएम पद की शपथ ली ताकि केंद्र का पैसा सुरक्षित वापस लौटाया जा सके, जिस पर शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस की नजर थी। 
 
यह पोस्ट हमें फेसबुक पर भी देखने को मिला। 
 
 
खोज के दौरान हमें गूगल पर बीजेपी सांसद अनंतकुमार हेगडे द्वारा इसी तरह का बयान देने की खबरें दिखाई दी। 
 
 
 
खोज के दौरान आजतक की वेबसाइट पर प्रकाशित खबर मिली। जिसमें लिखा है कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े का दावा है कि महाराष्ट्र में बीजेपी ने फडणवीस को 40 हजार करोड़ का फंड बचाने के लिए मुख्यमंत्री बनाकर ड्रामा किया। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावे को नकार दिया है।
 
 
 
इसके अलावा बीबीसी मराठी की भी हमें खबर मिली। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सफाई देते कहा है कि बुलेट ट्रेन के लिए केंद्र से महाराष्ट्र को किसी भी प्रकार की निधि नहीं मिली है। इसके लिए एक कंपनी बनाई गई है, यह पैसा उस कंपनी के पास जाएगा। इसलिए सोशल मीडिया में वायरल मैसेजेस के आधार पर बयान देने से अच्छा है कि सबूतों के आधार पर बात की जाए। 
 
 
 
इस पूरे मामले को समझने के लिए ANI के इस ट्वीट को पढ़ा जा सकता है। 
 
 
इससे साफ होता है कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा केंद्र को 40 हजार करोड़ रुपए लौटाने का दावा भ्रामक है। खुद उन्होंने इस मामले की जांच कराने की बात कही है। सांसद अंनतकुमार हेगडे पहले भी विवादित बयानों की वजह से चर्चा में रहे हैं। 
 
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(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़तालसंशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें ई-मेल करेंcheckthis@newschecker.in)

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After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

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