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क्या निर्भया के अपराधियों को 16 दिसंबर की सुबह मिलेगी फांसी ? सोशल मीडिया पर वायरल हुआ फेक दावा

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim

निर्भया केस के दोषियों को 16 दिसंबर को दी जाएगी फांसी

Verification

भारत में दिन प्रतिदिन बढ़ती बलात्कार की घटनाओं को देखते हुए, देश की जनता निर्भया को इंसाफ दिलाने के लिए उसके दोषियों की जल्द से जल्द फांसी की मांग कर रही है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक पोस्ट बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि निर्भया मामले में आरोपियों के पक्ष में दर्ज हुई दया याचिका को सर्वोच्च न्यायलय ने ख़ारिज करते हुए अपराधियों को 16 दिसंबर 2019 की सुबह को फांसी देने का फैसला सुनाया है।

दरअसल 16 दिसंबर साल 2012 को दिल्ली में 23 साल की युवती की सामूहिक बलात्कार के बाद बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। मामले में कोर्ट ने 10 सितंबर 2013 को 6 लोगों को दोषी पाया था। जिनमें से 5 दोषियों को फांसी और एक को नाबालिग होने की वजह से मौजूदा कानून के तहत सुधार गृह भेजने की सज़ा सुनाई थी।इनमें से एक दोषी राम सिंह ने ट्रायल के दौरान आत्महत्या कर चुका है। बाद में अपराधियों द्वारा दया याचिका भी दर्ज कराई गयी थी 
 
इसके उपरान्त अपराधियों में से एक ने सर्वोच्च न्यायलय में पुनः विचार के लिए दया याचिका दायर की है। वहीं Times of India के लेख के मुताबिक इसकी सुनवाई 17 दिसंबर को तय की गयी है।  
 
 
हमे सोशल मीडिया पर कई अन्य लेख मिले जहां पर निर्भया के दोषियों को जल्द फांसी होने की आशंका होने की बात कही गयी है लेकिन अभी किसी के पास भी कोई सटीक जानकारी नहीं है।  
 
 
 
 
हमें India Today का एक और लेख प्राप्त हुआ जहां इस बात का जिक्र है कि निर्भया कि माँ ने 17 दिसंबर को होने वाली दया याचिका की सुनवाई का विरोध किया है जिसपर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।  
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, निर्भया के दोषी अक्षय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी। यदि सुप्रीम कोर्ट उसकी याचिका खारिज करती है तो उसके पास राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका लगाने का विकल्प होगा।  
इन सभी लेखों को पढ़ने के बाद newschecker.in की पड़ताल में 16 दिसंबर को अपराधियों को फांसी दिए जाने वाला दावा गलत है।  
 
 
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    (किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)
 

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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