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चेकिंग के नाम पर युवक के साथ पुलिस की बर्बरता का 2 साल पुराना वीडियो वायरल

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Claim-

संशोधित मोटर वाहन अधिनियम बनने के बाद उत्तर प्रदेश में पुलिसकर्मी, वाहन चेकिंग के नाम पर वाहन मालिक को घसीटते हुए थाने ले गए।

Verification
सनाउल्ला खान नामक शख्स ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में पुलिसकर्मी एक शख्स को घसीटते हुए थाने के अंदर लेकर जाते दिखाई देते हैं। ट्वीट में दावा किया गया है बस्ती जनपद के तहत गौर थाने के पुलिसकर्मियों ने वाहन चेकिंग के नाम रौद्र रुप का प्रदर्शन किया। इन पुलिस वालों पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।
मोटर वाहन अधिनियम में संसोधन के बाद सोशल मीडिया में पुलिस और वाहन चालकों के बीच के विवाद के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। ऐसे में यह वीडियो भी ट्विटर पर शेयर किया गया था। इसकी सच्चाई जानने के लिए हमनें पड़ताल शुरू की।
गूगल में हमनें बस्ती में पुलिकर्मी वाहनचालक को घसीटते हुए थाने ले गए इन कीवर्ड्स की मदद से खोज की तो हमें नवभारत टाइम्स की वेबसाइट में यह वायरल वीडियो मिला जिसे एक दिन पहले अपलोड किया था।
वीडियो के कैप्शन में लिखा है कि, बस्‍ती ज‍िले में एक युवक को पिटाई करने के बाद पुलिसकर्मी घसीटते हुए थाने के अंदर ले गए।
वहीं खोज के दौरान फेसबुक पर पोस्ट किया यही वीडियो मिला जिसमें दावा किया गया है कि शनिवार को याने 14 सिंतबर 2019 को गौर थाने के पुलिस कर्मियों ने वाहन चेकिंग के नाम पर आंतक मचाया वाहन मालिक को घसीट घसीट कर मारा। इन लोगों के खिलाफ तत्काल कार्यवाही होनी चाहिए।
यही दावा करने वाले और वीडियो फेसबुक पर मिले।
इस वायरल वीडियो की तह तक जाने के लिए हमनें पड़ताल जारी रखी तो हमें 15 सितंबर 2029 को  यूट्यूब पर अपलोड किया यही वीडियो मिला। लेकिन उसमे दावा किया गया था कि यह वीडियो साल 2017 का है जो अब वायरल हो रहा है।
लेकिन अभी भी पुष्टि नहीं हो पा रही थी कि यह वीडियो कब का है और पुलिस उस शख्स को क्यों घसीटते हुए ले जा रही है। इसलिए हमनें खोज जारी रखी। इसी दौरान युट्यूब पर साल 2017 में प्रकाशित टाइम्स नाउ की खबर का वीडियो मिला। जिसमे यूपी के गौर थाने के पुलिस कर्मी एक शख्स को घसीटते हुए कैमरे में कैद हुए। खबर के मुताबिक वह शख्स नशे में था। उसकी पत्नी ने उसे छोड़ने के लिए बार-बार बिनती की लेकिन पुलिसवालों ने उसकी बात नहीं सुनी।
पुलिसवालों ने उसे लाॅकअप में बद करने की बजाय उसकी सरेआम पिटाई की, बाद में वरिष्ठ अधिकारी ने हस्तक्षेप करने पर उसकी पिटाई रुकी।
वहीं हमें बस्ती पुलिस का भी ट्वीट मिला जिसमें बताया गया है यह वीडियो पुराना है और पुलिस द्वारा पीटा गया शख्स वाहन चालक या मालिक नहीं है।
इससे साफ होता है कि यह वीडियो दो साल पहले वायरल हुआ था। इसे अब संशोधित मोटर वाहन अधिनियम के तहत चेंकिंग के नाम पर पुलिस की शर्मनाक हरकत बताकर वायरल किया जा रहा है।
Used Tools 
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Result- False

Authors

After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.

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