After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.
Claim–
संशोधित मोटर वाहन अधिनियम बनने के बाद जुर्माना न भरने पर बाइक के साथ बाइक सवार को भी जब्त कर लिया गया।
Verification –
ट्विटर पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें ट्रैफिक पुलिस द्वारा वाहन चेकिंग के दौरान बाइक के साथ उसपर सवार युवक को भी डम्पर में डाल दिया।
ट्वीट में दावा किया गया है कि संशोधित मोटर वाहन अधिनियम बनने के बाद जुर्माना न भरने पर बाइक के साथ बाइक सवार को भी जब्त कर लिया गया है।
हमनें इस ट्वीट को लेकर पड़ताल शुरू की। गूगल में कुछ कीवर्डस की मदद से खोज करने पर दो साल पहले प्रकाशित एएनआई की खबर मिली। खबर में एक वीडियो मिला जिसमें एक बाइक सवार को बाइक के साथ लादा जा रहा था। खबर के मुताबिक घटना कानपुर की थी।
लेकिन इस वीडियो से वायरल वीडियो मेल नहीं खा रहा था। इसलिए हमनें पड़ताल को जारी रखा। वायरल वीडियो में से कुछ स्क्रीनशाॅट्स निकाले और गूगल इमेज और यांडेक्स इमेज की मदद से खोज शुरू की। खोज के दौरान हमें
इंडियन एक्सप्रेस की एक साल पुरानी खबर मिली जिसमें वायरल वीडियो की फोटो थी।
खबर के मुताबिक यह वीडियो पुणे के विमानगर इलाके का है। एक रेस्तरां के सामने से नो पार्किंग जोन में पार्क की गई बाइक को पुलिस द्वारा नियुक्त संविदा कर्मचारी उठाने लगे। उसी समय वहां पर बाइक का मालिक पहुंच गया और बाइक ले जाने से मना करने लगा। लेकिन कर्मचारियों ने उसकी बात नहीं मानी और बाइक समेत उसे भी टेम्पो में डाल दिया।
यह सारा मामला एक ट्रैफिक कांस्टेबल के सामने हुआ। किसी ने इसकी वीडियो बनाई और सोशल मीडिया में वायरल कर दी। खबर के मुताबिक तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर अशोक मोराले ने कहा था कि घटनाक्रम देखने और सच्चाई का पता चलने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
इस वीडियो को लेकर कई प्रमुख समाचार पत्र तथा टीवी चैनलों में खबरे आई थी। महाराष्ट्र के प्रमुख अखबार दैनिक लोकमत की वेबसाइट पर भी यह खबर प्रकाशित हुई थी।
हमारी पड़ताल से साबित होता है कि ट्वीटर पर जिस दावे के साथ यह वीडियो वायरल किया जा रहा है वह गलत है। यह वीडियो पिछले साल का है जिसका संशोधित मोटर वाहन अधिनियम से कोई ताल्लुक नहीं है।
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Result- False
After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.