शुक्रवार, मार्च 29, 2024
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Bandra-Worli Sea Link प्रोजेक्ट को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ भ्रामक दावा

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

सोशल मीडिया पर Bandra-Worli Sea Link (बांद्रा-वर्ली सी लिंक) की एक तस्वीर शेयर कर यह दावा किया गया कि इस ब्रिज का निर्माण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा करवाया गया है.

सोशल मीडिया पर विभिन्न राजनैतिक दलों के समर्थकों एवं नेताओं द्वारा किसी विकास कार्य का श्रेय लेने के कई मामले हमारे सामने आते रहते हैं. राजनैतिक दलों की दो सबसे बड़ी पूंजियां दोषारोपण तथा श्रेय लेना होता है. किसी दूसरे राजनैतिक दल द्वारा किये गए अच्छे कार्य का श्रेय लेना तथा खुद के द्वारा किसी गलती का किसी अन्य दल पर दोषा रोपण, ये दोनों ऐसे तकनीकी हथियार हैं, जो किसी राजनैतिक दल को आत्मरक्षा का सबसे उपयुक्त उपाय देते हैं.

इसी क्रम में, भाजपा समर्थक ट्विटर यूजर्स ने Bandra-Worli Sea Link (बांद्रा-वर्ली सी लिंक) की एक तस्वीर शेयर कर यह दावा किया कि इस समुद्र सेतु का निर्माण प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने किया है.

Fact Check/Verification

Bandra-Worli Sea Link (बांद्रा-वर्ली सी लिंक) के निर्माण कर्ता को लेकर शेयर किये जा रहे इस दावे की पड़ताल के लिए, हमने सबसे पहले दावे के साथ शेयर की जा रही तस्वीर के बारे में जानने का प्रयास किया. इसके लिए, हमने वायरल तस्वीर को गूगल पर ढूंढा. गूगल सर्च से प्राप्त परिणामों में हमें कई ऐसे फेसबुक पोस्ट्स प्राप्त हुए, जिनमें वायरल तस्वीर को Bandra-Worli Sea Link (बांद्रा-वर्ली सी लिंक) का बताया गया है.

Bandra-Worli Sea Link (बांद्रा-वर्ली सी लिंक) निर्माण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा करवाया गया है

ऐसे ही एक फेसबुक पोस्ट में वायरल तस्वीर को Bandra-Worli Sea Link (बांद्रा-वर्ली सी लिंक) का बताकर, यह जानकारी दी गई है कि वायरल तस्वीर तपन दवे नामक एक फोटोग्राफर द्वारा ली गई है.

इसके बाद हमने उपरोक्त फेसबुक पोस्ट में बताये गए फोटोग्राफर के संभावित यूजरनेम (@dave_tapan) को गूगल पर ढूंढा. जहां हमें तपन दवे नामक उक्त फोटोग्राफर का इंस्टाग्राम प्रोफाइल मिला.

इसके बाद, जब हमने तपन दवे नामक उक्त इंस्टाग्राम यूजर का प्रोफाइल खंगाला तो हमें यूजर द्वारा 7 जून 2020 को शेयर किया गया एक पोस्ट मिला. जिसमें वायरल तस्वीर को शेयर कर पूछा गया है, “हम दुबारा ऐसा दृश्य कब देख पायेंगे?”

Instagram will load in the frontend.

अब तस्वीर को क्लिक करने वाले यूजर की जानकारी मिलने के बाद, हमने यह जानने का प्रयास किया कि Bandra-Worli Sea Link (बांद्रा-वर्ली सी लिंक) का निर्माण कब हुआ था तथा निर्माण के वक्त सूबे में किसकी सरकार थी. इसके लिए हमने कुछ कीवर्ड्स की सहायता से गूगल सर्च किया, जहां हमें Council Of Scientific And Industrial Research–National Institute Of Science Communication And Information Resources (CSIR–NISCAIR) की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रोजेक्ट का ब्यौरा मिला. बता दें, ‘Bandra-Worli Sea Link: An Engineering Marvel’ के नाम से प्रकाशित इस रिपोर्ट में उक्त समुद्रसेतु का निर्माण वर्ष 2009 बताया गया है.

इसके बाद एक विकिपीडिया लेख की सहायता से हमें Bandra-Worli Sea Link (बांद्रा-वर्ली सी लिंक) प्रोजेक्ट लिंक के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त हुई. अपनी पड़ताल आगे बढ़ाने पर हमें http://bandraworlisealink.com/ नामक वेबसाइट के 2012 में संचित आर्काइव वर्जन से यह जानकारी मिलती है कि प्रोजेक्ट का अधिकतर काम 2010 तक पूरा कर लिया गया था. हालांकि वेबसाइट अब सेवारत नहीं है, इसलिए वेबसाइट पर प्रकाशित सामग्री का सत्यापन नहीं किया जा सकता है.

इसके बाद हमने तत्कालीन मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से Bandra-Worli Sea Link (बांद्रा-वर्ली सी लिंक) प्रोजेक्ट को लेकर जानकारी जुटाने का प्रयास किया. इस प्रक्रिया में हमें Mumbai Mirror, NDTV, DNA तथा Economic Times द्वारा 2009 से 2011 के बीच प्रकाशित लेख मिले, जिनसे इस बात की पुष्टि होती है कि Bandra-Worli Sea Link (बांद्रा-वर्ली सी लिंक) प्रोजेक्ट पर कार्य कांग्रेस के शासनकाल में हुआ था.

इसके बाद हमने यह जानने का प्रयास किया कि 2009 में महाराष्ट्र तथा देश में किस दल का शासन था. इस प्रक्रिया में हमें प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा संचालित एक वेबसाइट पर यह जानकारी मिली कि 2004 से 2014 तक केंद्र में कांग्रेस पार्टी की सरकार थी. जिसके प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह थे. आगे हमें यह जानकारी मिली कि 1999 से 2014 तक महाराष्ट्र में कांग्रेस या कांग्रेस समर्थित सरकारें रही हैं. इसके अलावा हमें DNA द्वारा 2013 में प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली. जिसमें तत्कालीन भाजपा नेता नितिन गडकरी द्वारा Bandra-Worli Sea Link (बांद्रा-वर्ली सी लिंक) प्रोजेक्ट को लेकर कांग्रेस पर आरोप लगाए गए हैं.

Conclusion

इस तरह हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि Bandra-Worli Sea Link (बांद्रा-वर्ली सी लिंक) प्रोजेक्ट पर कार्य कांग्रेस के शासनकाल में हुआ था तथा पूरे प्रोजेक्ट में कहीं से भी भारतीय जनता पार्टी या प्रधानमंत्री मोदी का कोई योगदान नहीं है.

Result: Misleading

Our Sources

Tapan Dave’s Instagram Post

CSIR–NISCAIR

Media Reports

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Saurabh Pandey
Saurabh Pandey
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

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