शुक्रवार, दिसम्बर 13, 2024
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क्या वाराणसी में बच्चों की किडनी बेचते पकड़े गए साधु? वायरल वीडियो का सच कुछ और है

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि वाराणसी में 28 साधुओं द्वारा बच्चों की किडनी चोरी कर उन्हें मार दिया गया.

https://twitter.com/MrKhan1A/status/1567350143921291265

बीते दिनों बच्चा चोरी की अफवाहों के बढ़ने से कई जगहों पर आमजनों, भिक्षा मांग रहे लोगों तथा मानसिक तौर पर अस्थिर लोगों की सामूहिक पिटाई के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है. बच्चा चोरी की सही घटनाओं के बीच इससे जुड़ी अफवाहों और गलत जानकारियों का बोलबाला रहता है. Newschecker ने पूर्व में कई ऐसे दावों की पड़ताल की है, जहां जागरूकता और मनोरंजन के संदर्भ में बनाए गए वीडियो को बच्चा चोरी की असल घटना बताया गया तो वहीं, कई मामलों में दूसरे देशों, राज्यों या जिलों के कई ऐसे वीडियो भी शेयर किए गए, जिनका बच्चा चोरी या मानव अंग की तस्करी से कोई संबंध नहीं था.

इसी क्रम में सोशल मीडिया यूजर्स ने एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया कि वाराणसी में 28 साधुओं द्वारा बच्चों की किडनी चोरी कर उन्हें मार दिया गया.

https://twitter.com/Amitkum3399/status/1567713968126578690
https://twitter.com/subhash_meerwal/status/1567727596410130440

https://twitter.com/Ibrahim757222/status/1566911275787259906

Fact Check/Verification

वाराणसी में 28 साधुओं द्वारा बच्चों की किडनी चोरी कर उन्हें मार दिए जाने के नाम पर शेयर किए जा रहे इस दावे की पड़ताल के लिए, हमने ‘वाराणसी में 28 साधु किडनी चोरी करते पकड़े गए’ कीवर्ड को गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें दैनिक भास्कर द्वारा प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ, जिसमें वाराणसी पुलिस के हवाले से यह जानकारी दी गई है कि भिक्षा मांग रहे कुछ भिक्षुओं पर ग्रामीणों को शक हुआ तो पुलिस ने उन्हें थाने लाकर उनसे पूछताछ की. पुलिस ने थाने लाए गए लोगों के सही नाम-पता तथा उनके आपराधिक इतिहास की जानकारी की तथा संतुष्ट होने पर उन्हें छोड़ दिया.

वाराणसी में 28 साधुओं द्वारा बच्चों की किडनी चोरी कर उन्हें मार दिया गया.
दैनिक भास्कर द्वारा प्रकाशित लेख का एक अंश

दैनिक भास्कर द्वारा प्रकाशित लेख से मिली जानकारी के आधार पर हमने वाराणसी पुलिस के ट्विटर हैंडल का रुख किया, जहां हमें कई ऐसे ट्वीट्स प्राप्त हुए जिनमें वायरल दावे को गलत बताया गया है.

वाराणसी पुलिस की देहात इकाई द्वारा जारी किए गए बयान के अनुसार, “कतिपय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो वायरल किया जा रहा है, जिसको वाराणसी ग्रामीण के ग्राम बीरापट्टी का बताकर यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि कुछ साधुओं को बच्चों की किडनी निकालते हुए पकड़ा गया है। वास्तविकता यह है कि दिनांक 01.09.2022 को थाना बड़ागांव क्षेत्र के ग्राम इंद्रवार में घूमकर भिक्षा मांगने वाले साधुओं पर ग्रामीणों द्वारा शक किए जाने के उपरान्त सभी साधुओं को थाने पर लाकर पूछताछ किया गया था। पूछताछ से सभी का नाम पता उनके निवास स्थान से तस्दीक किया गया था एवं जांच से उनका कोई अपराधिक इतिहास नही पाया गया। सोशल मीडिया पर प्रचलित वीडियो, वाराणसी ग्रामीण का नही है। वाराणसी ग्रामीण पुलिस उक्त भ्रामक वीडियो का खण्डन करती है। कृपया भ्रामक पोस्ट कर अफवाह न फैलाएं अन्यथा सम्बंधित के विरुद्ध कठोर कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।”

‘भीख पकड़ा बच्चा वाराणसी’ कीवर्ड को यूट्यूब पर सर्च करने पर हमें 1 मिनट 5 सेकंड का एक वीडियो प्राप्त हुआ जो कि वायरल वीडियो का ही एक बड़ा हिस्सा है. वीडियो में ग्रामीणों और मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों के बीच का संवाद भी मौजूद है.

वायरल वीडियो को लेकर पूरी जानकारी के लिए हमने बड़ागांव के थानाध्यक्ष से बात की. उन्होंने Newschecker को बताया कि “ये लोग चित्रकूट से ट्रेन पकड़कर यहां आते हैं और फिर टेम्पो (ऑटोरिक्शा) लेकर स्थानीय जगहों पर भिक्षा मांगते हैं. 6 लोग भिक्षा मांगने बीरापट्टी गांव पहुंचे थे, जहां ग्रामीणों ने इन पर संदेह जताया तो इनकी पूरी जांच-पड़ताल की गई, जिसके बाद इन्हे छोड़ दिया गया. कुछ असामाजिक तत्वों ने इस मामले को गलत तरीके से पेश किया है. गलत जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर रही है.”

बच्चा चोरी को लेकर अफवाहों में वृद्धि; यूपी पुलिस ने नागरिकों से की जरुरी अपील

गौरतलब है कि पिछले कई दिनों में उत्तर प्रदेश के कई जिलों से बच्चा चोरी की अफवाह फैलने की खबरें आई हैं. इनमे से अधिकांश मामले बच्चा चोरी की अफवाह को लेकर मारपीट या अफरातफरी से जुड़े हुए हैं. इनमे से कई मामलों में पुलिस भ्रामक जानकारी फैलाने और पिटाई करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी कर रही है. इसके अतिरिक्त पुलिस गांव-देहात के इलाकों में जनता से बातचीत कर इस तरह की अफवाहों पर भरोसा ना करने की अपील कर रही है.

Conclusion

इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि वाराणसी में 28 साधुओं द्वारा बच्चों की किडनी चोरी कर उन्हें मार दिए जाने के नाम पर शेयर किया जा रहा यह दावा भ्रामक है. असल में यह वीडियो, वाराणसी के बीरापट्टी गांव में भिक्षा मांगने गए लोगों का है, जिन्हें ग्रामीणों ने किडनी चोर समझकर पकड़ लिया था. सूचना मिलने पर पुलिस ने इनको थाने लाकर जांच पड़ताल की. बाद में इन सभी 6 भिक्षुओं का नाम-पता सही पाए जाने पर तथा कोई आपराधिक इतिहास ना होने की वजह से पुलिस ने इन्हे छोड़ दिया.

Result: Partly False

Our Sources
Report published by Dainik Bhaskar
Tweets by Varanasi Rural Police
Newschecker’s telephonic conversation with Baragaon Station Officer (S.O.)

किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Saurabh Pandey
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

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