Authors
Claim
खालिस्तानी आंतकियों ने मन्दिर पर किया हमला।
Fact
यह साल 2022 में पंजाब के पटियाला में दो गुटों के बीच हुई झड़प का वीडियो है।
जब से किसान संगठनों ने “दिल्ली चलो” मार्च का ऐलान किया है, तब से किसान आंदोलन से जोड़कर कई दावे सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इसी क्रम में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें हथियारबंद सिख समुदाय के लोगों का एक समूह एक मंदिर परिसर में घुसता है और एक दुकान के कर्मचारी पर हमला कर देता है। इस वीडियो में पुलिस की मौजूदगी में खुलेआम तलवारें लहराती हुई नज़र आ रही हैं। पोस्ट के साथ #Farmersprotest जैसे हैसटैग को ऐड करते हुए इसे मौजूदा किसान आंदोलन से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने वीडियो को साझा करते हुए दावा किया है कि “खालिस्तानी आतंकवादियों” द्वारा एक मंदिर पर हमला किया गया है। न्यूज़चेकर ने अपनी जांच में पाया है कि पटियाला के दो गुटों के बीच हुई झड़प के दौरान का यह वीडियो एक साल से अधिक पुराना है।
ऐसे कई अन्य सोशल मीडिया पोस्ट्स का आर्काइव यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है।
Fact Check/Verification
पड़ताल की शुरुआत में वीडियो को ध्यानपूर्वक देखने पर हमारी नज़र “काली देवी मंदिर” लिखे हुए एक बोर्ड पर पड़ी।
साथ ही हमने यह भी देखा कि वायरल एक्स पोस्ट पर कई कमेंट्स में वीडियो में दिख रहे स्थान को काली माता मंदिर, पटियाला का बताया गया है।
इस जानकारी के आधार पर हमने Google पर संबंधित कीवर्ड से सर्च किया। इस दौरान हमें रिपब्लिक वर्ल्ड की 30 अप्रैल, 2022 की एक वीडियो रिपोर्ट प्राप्त हुई। यूट्यूब वीडियो के कैप्शन में लिखा गया है, “पटियाला न्यूज़, खालिस्तानी समर्थक-शिवसेना झड़प के दौरान मंदिर पर हमले का नया वीडियो सामने आया.” इस वीडियो में वायरल वीडियो के फुटेज भी देखने को मिलते हैं।
वीडियो के शुरुआती फ्रेम में एंकर द्वारा यह कहते हुए सुना जा सकता है कि “यह पंजाब के पटियाला जिले में काली माता मंदिर के बाहर खालिस्तानी समर्थकों और एक हिंदू संगठन के सदस्यों के बीच हुई झड़प का वीडियो है।” जांच में आगे इस घटना की एक तस्वीर 1 मई 2022 को जागरण द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में भी देखने को मिलती है।
29 अप्रैल, 2022 को समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा इस घटना से जुड़ा एक वीडियो शेयर किया गया था। इस वीडियो में भी वायरल क्लिप में नजर आ रहा परिसर दिखाया गया है।
क्या था मामला?
अप्रैल 2022 में “खालिस्तान विरोधी मार्च” के दौरान पटियाला में काली देवी मंदिर के बाहर दो समूहों के बीच झड़प हो गई थी। ख़बरों के अनुसार, शिवसेना ने 29 अप्रैल, 2022 को पटियाला के आर्य समाज चौक से काली देवी मंदिर तक ” खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च ” निकालने का फैसला किया था। शिवसेना की ओर से यह कार्यक्रम ‘सिख फॉर जस्टिस’ द्वारा इस दिन ‘खालिस्तान स्थापना दिवस’ मनाये जाने के विरोध में आयोजित किया गया था।
खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च का निहंगों सहित एक सिख समूह द्वारा विरोध किया गया था। इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार “हरीश सिंगला के नेतृत्व वाली शिव सेना द्वारा किये गए मार्च के ऐलान का विरोध करने के लिए निहंग सबसे पहले दुख निवारण साहिब गुरुद्वारे में एकत्रित हुए और फिर उन्होंने खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाते हुए काली माता मंदिर की ओर मार्च किया।”
काली माता मंदिर के पास दोनों गुट आमने-सामने आ गए, जिससे उनके बीच हिंसक झड़प हो गई। बतौर रिपोर्ट्स, घटना में पथराव भी हुआ और चार लोग घायल हो गए थे।
Conclusion
अपनी जांच से हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि 29 अप्रैल, 2022 को पंजाब के पटियाला में शिवसेना और सिख समूह के सदस्यों के बीच हुई झड़प के वीडियो को मौजूदा किसान आंदोलन से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
Result: Missing Context
Sources
YouTube Video By Republic World, Dated April 30, 2022
X Post By ANI, Dated April 29, 2022
Report By Hindustan Times, Dated April 29, 2022
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