देश के पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनावों के बीच सोशल मीडिया यूजर्स की सक्रियता भी बढ़ गई है। इस हफ्ते यूपी चुनाव से लेकर कई अन्य मुद्दों पर यूजर्स ने कई ऐसे दावे शेयर किए जो कमोवेश सच नहीं थे। इसके अलावा कर्नाटक में हुए हिजाब विवाद के बीच कई फेक दावे शेयर किए गए। हमारी टीम ने कुछ ऐसे ही फेक दावों की पड़ताल करके उनका सच दुनिया के सामने रखा है।

क्या सपा प्रत्याशी ने किया ब्राह्मणों और क्षत्रियों के लिए अपशब्दों का प्रयोग?
सोशल मीडिया पर समाजवादी पार्टी के एक नेता का वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि उनकी सरकार बनने के बाद यूपी में ठाकुरों और पंडितों के लिए जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया जाएगा। हमारी पड़ताल में वायरल वीडियो एडिटेड साबित हुआ।

हिजाब विवाद के बीच फर्जी दावे के साथ वायरल हुआ 12 साल पुराना वीडियो
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि कुछ महिलाएं हिजाब जलाने गई थी, लेकिन वे खुद जल गईं। हमारी पड़ताल में पता चला कि वायरल हुए वीडियो का हिजाब विवाद से कोई सम्बन्ध नहीं है।

क्या सपा प्रत्याशी की रैली में लगाए गए पाकिस्तान के समर्थन में नारे?
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि सपा नेता मुनीन्द्र शुक्ला और उनके समर्थकों द्वारा पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए गए। हमारी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ।

हिजाब विवाद का चेहरा बनी मुस्कान की नहीं है सोशल मीडिया पर वायरल हुई यह तस्वीर
सोशल मीडिया पर एक युवती की तस्वीर शेयर कर दावा किया गया कि यह हिजाब विवाद का चेहरा बनी मुस्कान की तस्वीर है। हमारी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ।

क्या स्मृति ईरानी ने यूपी में अखिलेश यादव की सरकार बनने की बात स्वीकार की?
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि स्मृति ईरानी ने यूपी में अखिलेश यादव की सरकार बनने की बात स्वीकार की है। हमारी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ।