Fact Check
Weekly Wrap: इस हफ़्ते सोशल मीडिया पर वायरल हुए Top 5 फ़ेक दावों का Fact Check
Top 5 फ़ेक दावों का Fact Check
बिग बॉस फेम अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला (Actor Siddharth Shukla) की मृत्यु की खबर ने लोगों को झकझोर कर रख दिया। जिसके बाद उनके निधन से जुड़ी कई भ्रामक खबरें सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी, तो वहीं दूसरी तरफ तालिबान ने अपनी जीत की खुशी में काबुल में हथियारों की परेड निकाली, जो कि सोशल मीडिया पर इस हफ्ते चर्चा का विषय बनी रही। यूजर्स ने इस मुद्दे को लेकर भी कई तरह के दावे किए। हमारी टीम ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए कुछ ऐसे ही फेक दावों की पड़ताल करके, उनका सच दुनिया के सामने रखा है।

उज्जैन में हाईकोर्ट के आदेश के बाद अतिक्रमण के खिलाफ हुई कार्रवाई को दिया गया सांप्रदायिक रंग: Fact Check
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि उज्जैन की जिस गफ़ूर बस्ती में लोगों ने मुहर्रम के जुलूस के दौरान पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे, शिवराज सरकार ने उस पूरी बस्ती को ही खाली करा दिया है। हमारी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ।

दिवंगत अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला का नहीं है सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह वीडियो
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि यह अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला का आखिरी वीडियो है। जब हमने दावे की पड़ताल की तो पाया कि वायरल दावा गलत है।

पाकिस्तान के कराची का 1 साल पुराना वीडियो भारत का बताकर किया गया शेयर
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में एक मुस्लिम शख्स की बिजली चोरी पकड़ी गई, तो वह अधिकारियों को जान से मारने की धमकी देने लगा। जब हमने दावे की पड़ताल की तो पाया कि वायरल वीडियो भारत का नहीं बल्कि पाकिस्तान का है।

लीबिया का एक साल पुराना वीडियो गलत दावे के साथ हुआ वायरल
सोशल मीडिया पर हेलीकॉप्टर का एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि अमेरिकी सेना द्वारा अफगानिस्तान में छोड़े गए हेलीकॉप्टर को अब तालिबानी चलाना सीख रहे हैं। जब हमने दावे की पड़ताल की तो पाया कि वायरल दावा भ्रामक है।

क्या पाकिस्तान में शरण लेने के लिए भागते अफगानियों का है ये वायरल वीडियो?
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि जब पाकिस्तान ने अफगानी शरणार्थियों को लेने के लिए बॉर्डर के दरवाजे खोले, तो बड़ी संख्या में लोग पाकिस्तान में शरण लेने के लिए भागने लगे। जब हमने दावे की पड़ताल की तो पाया कि वायरल दावा गलत है।
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