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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.
पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा को लेकर सोशल मीडिया पर कई फर्जी पोस्ट वायरल होते देखे गए। एक वीडियो को शेयर कर दावा किया गया कि अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान कुछ लोगों ने पीएम मोदी को अपशब्द कहे और नारे लगाए। सोशल मीडिया यूजर्स ने एक पोस्ट को शेयर करते हुए दावा किया कि वाराणसी में एक दलित युवती ने 6 मुस्लिम युवकों की हत्या कर दी। इसी हफ्ते मणिपुर हिंसा को लेकर भी एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ। इसी तरह कई अन्य खबरों पर इस हफ्ते वायरल हुए टॉप 5 फर्जी दावों का सच इस रिपोर्ट में पढ़ा जा सकता है।
पीएम मोदी के अमेरिका दौरे का चार साल पुराना वीडियो भ्रामक दावे के साथ वायरल
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि दर्शक दीर्घा से पीएम मोदी के लिए अपशब्द बोलते लोगों का यह वीडियो, पीएम के हालिया अमेरिकी दौरे का है। हमारी पड़ताल में यह दावा फर्जी निकला। पूरा फैक्ट चेक यहां पढ़ा जा सकता है।
क्या वाराणसी में एक दलित युवती ने कर दी 6 मुस्लिम युवकों की हत्या?
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर दावा किया गया कि बलात्कार और धर्मांतरण की धमकी देने पर वाराणसी में एक दलित युवती ने 6 मुस्लिम युवकों की हत्या कर दी। हमारी जांच में यह दावा फर्जी साबित हुआ। फैक्ट चेक यहां पढ़ा जा सकता है।
म्यांमार में युवती के साथ हुई क्रूरता का वीडियो मणिपुर का बताकर वायरल
सोशल मीडिया पर एक महिला के साथ कुछ लोगों द्वारा की जा रही अभद्रता का एक वीडियो वायरल हो गया। दावा किया जाने लगा कि यह वीडियो मणिपुर में कुकी ईसाई लड़की पर हुए हमले का है। हमारी जांच में यह दावा फर्जी निकला। फैक्ट चेक यहां पढ़ा जा सकता है।
तस्वीर में दाउद इब्राहिम के साथ बैठी महिला कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत नहीं हैं
सोशल मीडिया पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम के साथ एक महिला की तस्वीर वायरल हो गई। दावा किया जाने लगा कि उसके साथ बैठी महिला कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत हैं। हमारी जांच में यह दावा फर्जी निकला। फैक्ट चेक यहां पढ़ा जा सकता है।
पुलिसकर्मी की पिटाई का यह वायरल वीडियो कानपुर का नहीं है
सोशल मीडिया पर एक भीड़ द्वारा पुलिसकर्मी के साथ मारपीट किए जाने का एक वीडियो शेयर कर इसे कानपुर का बताया जाने लगा। हमारी पड़ताल में यह दावा फर्जी साबित हुआ। पूरा फैक्ट चेक यहां पढ़ा जा सकता है।
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