सोशल मीडिया पर आए दिन तमाम ऐसे वीडियो वायरल होते रहते हैं, जिन्हे यूं तो समाज में जागरूकता फैलाने के लिए बनाया जाता है लेकिन सोशल मीडिया यूजर्स इन्हे सच्ची घटना समझ बैठते हैं. यद्यपि इनमे से अधिकांश वीडियो के अंत में वीडियो के स्क्रिप्टेड होने की जानकारी दी गई होती है, Newschecker द्वारा पूर्व में ऐसे कई स्क्रिप्टेड वीडियो की पड़ताल की गई है जिनमें कोई डिस्क्लेमर मौजूद नहीं होता है. कुछ मामलों में ये भी देखा गया है कि डिस्क्लेमर के टेक्स्ट का आकर या इनके दिखने की अवधि इतनी छोटी होती है कि यूजर्स के लिए ये जान पाना काफी कठिन हो जाता है कि ये वीडियो मनोरंजन के लिए बनाये गए हैं या इनमे किसी असल घटना का जिक्र है.
AIMIM प्रमुख विभिन्न मौकों पर केंद्र की मोदी सरकार पर अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव का आरोप लगाते रहते हैं. एक लोकसभा सांसद तथा राजनैतिक दल के मुखिया के तौर पर ओवैसी के कुछ बयानों में वे ना सिर्फ भाजपा और आरएसएस बल्कि विपक्ष के कुछ दलों पर भी हमलावर देखे जा सकते हैं. हालांकि कांग्रेस समेत कुछ अन्य विपक्षी दल AIMIM पर भाजपा को राजनैतिक रूप से लाभ पहुंचाने का आरोप लगाते रहते हैं. Newschecker ने पूर्व में ऐसे कई पोस्ट्स की पड़ताल की है, जिनमे असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM और भाजपा के बीच अंदरूनी समझौते का दावा किया गया था.
सोशल मीडिया पर पीएम नरेंद्र मोदी की एक वीडियो क्लिप के जरिए दावा किया जा रहा है कि उन्होंने विदेश में जाकर भारत का अपमान किया है। वायरल क्लिप में पीएम मोदी कह रहे हैं कि "पिछले जन्म में ऐसा कौन सा पाप किया, जो भारत देश में पैदा होना पड़ा।"
सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि बिहार के छपरा में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के एक विधायक सुनील राय का सरेआम अपहरण हो गया है. यह दावा एक सीसीटीवी फुटेज के साथ किया जा रहा है. बिहार में जनता दल यूनाइटेड (JDU) और आरजेडी की गठबंधन वाली सरकार है. इसी कारण लोग सवाल खड़े कर रहे हैं कि बिहार में सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक का ही अपहरण हो रहा है.
साल 1998 में उत्तर प्रदेश की गोरखपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर अपने राजनैतिक सफर की शुरुआत करने वाले योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता में पिछले कुछ सालों में वृद्धि हुई है. एक तरफ जहां उनके निर्णयों की सराहना करने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है तो वहीं उनके आलोचकों की संख्या में भी वृद्धि हुई है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर उनके द्वारा विभिन्न मामलों में आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलवाने के निर्णय को लेकर भी सोशल मीडिया यूजर्स ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी थी.