सोमवार, अक्टूबर 7, 2024
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क्या पीएफआई द्वारा भारत के खिलाफ लड़ने के लिए बनाई गई मुस्लिम आर्मी? भ्रामक दावा हुआ वायरल

विभिन्न धर्मों से जुड़े कट्टरपंथी संगठनों को लेकर सोशल मीडिया पर आये दिन तमाम तरह की तस्वीरें और वीडियो शेयर किये जाते हैं. सोशल मीडिया यूजर्स की इन चर्चाओं में अक्सर पीएफआई का भी नाम सामने आता है. पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया) की स्थापना 2006 में हुई थी. पीएफआई तीन मुस्लिम संगठनों के विलय के बाद बना एक ऐसा संगठन है जिसे कथित तौर पर अयोध्या में विवादित ढांचे के विध्वंस के बाद अल्पंसख्यक हितों की आवाज उठाने के लिए बनाया गया था. सोशल मीडिया पर आये दिन पीएफआई से संबंधित अनेकों दावे वायरल होते रहते हैं. 

प्रेम प्रसंग में हुई मारपीट का वीडियो गलत दावे के साथ हुआ वायरल

सोशल मीडिया पर 1 मिनट 42 सेकेंड का एक वीडियो शेयर किया जा रहा है। वीडियो में कुछ लोग दो युवकों को बेरहमी से पीटते हुए नज़र आ रहे हैं। वीडियो में कुछ लोग दोनों युवकों के हाथ और पैर पकड़कर चारपाई पर गिराकर लाठी-डंडों से पीट रहे हैं। वहीं दूसरी ओर एक युवक लाठी-डंडों से युवती को भी पीटता हुआ नज़र आ रहा है।

आप नेता अमानतुल्लाह खान का पुराना वीडियो गलत दावे के साथ हुआ वायरल

ट्विटर पर इन दिनों आम आदमी पार्टी के नेता अमानतुल्लाह खान का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में अमानतुल्लाह खान भड़काऊ भाषण देते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो के साथ दावा किया गया है कि अमानतुल्लाह खान सरकार के खिलाफ लोगों को भड़का रहे हैं और कह रहे हैं कि इन जालिमों का खात्मा होगा, हम शरिया कानून बनेंगे।

यूपी के उन्नाव में अवैध अतिक्रमण हटाए जाने का वीडियो गलत दावे के साथ हुआ वायरल

दारूल उलूम निसवा के एक मौलाना अब्दुल लतीफ कासमी ने हिंदुओं के सबसे बड़े धार्मिक स्थलों में से एक बद्रीनाथ को बदरूदीन शाह की मजार बताया था। सहारनपुर के रहने वाले मौलाना लतीफ ने 18 नवंबर 2017 को बद्रीनाथ धाम पर विवादित टिप्पणी करने के बाद माफी भी मांगी थी।

लखनऊ में कैब ड्राइवर की पिटाई करने वाली युवती को पुलिस ने नहीं किया गिरफ्तार, भ्रामक दावा हुआ वायरल

कुछ दिन पहले लखनऊ के अवध चौराहे पर एक युवती का हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला था। युवती ने एक कैब ड्राइवर को पकड़कर उसकी जमकर पिटाई की और उसका फोन भी तोड़ दिया। करीब आधे घंटे तक बीच चौराहे पर युवती और कैब ड्राइवर के बीच कहासुनी होती रही। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही सभी लोगों ने युवती को गलत ठहराया और उसकी गिरफ्तारी की मांग करने लगे।

क्या किसान आंदोलन के मुद्दे पर भारतीय हॉकी टीम ने केंद्र सरकार की इनाम राशि को लेने से किया इनकार?

इसी क्रम में, पंजाब सरकार ने टीम में शामिल राज्य के प्रत्येक खिलाड़ी को एक-एक करोड़ रुपए नकद पुरस्कार देने की घोषणा की, तो वहीं हरियाणा सरकार ने ढ़ाई करोड़ रुपए देने का ऐलान किया। जबकि केंद्र सरकार सभी हॉकी खिलाड़ियों को 30 लाख रुपए नकद इनाम दे रही है। इसी बीच सोशल मीडिया पर पुरुष हॉकी टीम को लेकर एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें दावा किया गया है कि हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने किसानों के प्रति अपनी संवेदनशीलता दिखाते हुए इनाम लेने से मना कर दिया है। उनका कहना है कि जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं लिए जाते, तब तक उनकी टीम इनाम राशि नहीं लेगी।