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देश में चल रहे राष्ट्रपति चुनाव को लेकर वोट को अपने पाले में करने के लिए पक्ष और विपक्ष में रस्साकसी देखी जा सकती है। एक तरफ जहाँ एनडीए ने आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया है तो वहीं, विपक्ष ने यशवंत सिन्हा पर दांव खेला है। इस चुनाव को लेकर सोशल मीडिया पर कई ऐसे कंटेंट शेयर किए गए जो हमारी पड़ताल में फेक साबित हुए। इसी तरह मणिपुर के नोनी में हुए भूस्खलन को लेकर भी कई असंबंधित तस्वीरों को शेयर कर भ्रम फैलाया गया। पंजाब के सीएम भगवंत मान की शादी समारोह को लेकर भी सोशल मीडिया यूजर्स ने फर्जी दावे शेयर किए। ऐसी ही कई खबरों पर इस हफ्ते सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा फैलाए गए टॉप 5 फेक दावों का फैक्ट चेक यहां पढ़ा जा सकता है।
क्या द्रौपदी मुर्मू ने आरएसएस मुख्यालय में मोहन भागवत से की मुलाकात?
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर दावा किया गया कि एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय का दौरा किया और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की. हमारी पड़ताल में यह दावा फर्जी साबित हुआ। पूरा फैक्ट चेक यहां पढ़ा जा सकता है।
मणिपुर के नोनी में हुए हालिया भूस्खलन की नहीं हैं ये तस्वीरें
सोशल मीडिया पर दो तस्वीरों का एक कोलाज शेयर कर इसे पिछले दिनों मणिपुर में हुए भूस्खलन का बताया जाने लगा। हमारी पड़ताल में पता चला कि शेयर की जा रही तस्वीरों का मणिपुर में हुए हालिया भूस्खलन से कोई वास्ता नहीं है। पूरा फैक्ट चेक यहां पढ़ा जा सकता है।
अरविंद केजरीवाल की पुरानी तस्वीर को भगवंत मान की शादी समारोह का बताया गया
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भोजन करते हुए एक तस्वीर शेयर कर इसे पंजाब के सीएम भगवंत मान की दूसरी शादी समारोह का बताया गया। हमारी पड़ताल में यह दावा फर्जी साबित हुआ। पूरा फैक्ट चेक यहां पढ़ा जा सकता है।
क्या ब्राह्मणों के खिलाफ अपशब्द कहने पर अब एट्रोसिटी एक्ट के तहत होगी कार्रवाई?
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर दावा किया गया कि ब्राह्मणों के खिलाफ अपशब्द कहने पर अब एट्रोसिटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। हमारी पड़ताल में यह दावा फेक साबित हुआ। पूरा फैक्ट चेक यहां पढ़ा जा सकता है।
क्या बाढ़ के मुद्दे पर रिपोर्टर के सवालों का जवाब नहीं दे पाए अमित शाह?
सोशल मीडिया पर एक रिपोर्टर की सराहना करते हुए यह दावा किया जाने लगा कि उनके द्वारा बाढ़ पर पूछे गए सवालों पर अमित शाह ने चुप्पी साध ली। हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक साबित हुआ। पूरा फैक्ट चेक यहां पढ़ा जा सकता है।
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