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बीजेपी के पूर्व नेताओं, नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल द्वारा पैगम्बर मोहम्मद पर दिए गए विवादित बयान के विरोध में देश के कई कोनों से पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आयी हैं। बीते दिनों इसी मामले पर कानपुर में दो पक्षों के बीच जमकर बवाल हुआ, जिसमें पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा। बीते शुक्रवार को जुमा की नमाज के बाद देश के कई इलाकों से हिंसक विरोध प्रदर्शन की खबरें आई हैं। इसी के मद्देनजर सोशल मीडिया पर कई ऐसे कंटेंट शेयर किए गए जो हमारी पड़ताल में फेक साबित हुए। इसके अलावा, कई अन्य मुद्दों पर भी सोशल मीडिया यूजर्स ने फेक दावे शेयर किए, जिनका सच हमारी इस रिपोर्ट में पढ़ा जा सकता है।
पाकिस्तान का पुराना वीडियो, पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी वाले हालिया मामले से जोड़कर हुआ वायरल
पूर्व बीजेपी नेताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई विवादित टिप्पणी के बाद, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल कर दावा किया गया कि यह हालिया प्रदर्शन का वीडियो है। हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक साबित हुआ। पूरा फैक्ट चेक यहां पढ़ा जा सकता है।
सपा शासनकाल की तस्वीरों को योगी सरकार के कार्यकाल का बताया गया
सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरों का एक कोलाज शेयर कर दावा किया गया कि ये तस्वीरें उन्नाव की हैं, जहां योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण हटा दिया है। हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक साबित हुआ। पूरा फैक्ट चेक यहां पढ़ा जा सकता है।
क्या पीएम मोदी की कूटनीति के चलते सऊदी अरब और बहरीन ने रद्द किया कतर एयरवेज का लाइसेंस?
पैगम्बर मोहम्मद पर बीजेपी के पूर्व नेताओं द्वारा दिए गए विवादित बयान के बाद, सोशल मीडिया पर एक खबर के स्क्रीनशॉट के जरिए दावा किया गया कि मोदी सरकार की कूटनीति के चलते सऊदी अरब और बहरीन ने कतर एयरवेज का लाइसेंस रद्द कर दिया है। हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक साबित हुआ। पूरा फैक्ट चेक यहां पढ़ा जा सकता है।
खरगोन में हुई पत्थरबाजी के पुराने वीडियो को यूपी का बताया गया
सोशल मीडिया पर पत्थरबाजी के एक वीडियो को यूपी का बताकर शेयर किया गया। इस वीडियो के जरिए योगी सरकार से इन पत्थरबाजों पर कार्रवाई की अपील करते हुए तंज किया जाने लगा। हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक साबित हुआ। पूरा फैक्ट चेक यहां पढ़ा जा सकता है।
वडोदरा की एक फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट को यूपी का बताया गया
सोशल मीडिया पर एक फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट का वीडियो शेयर कर इसे यूपी के गाजियाबाद का बताया गया। हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक साबित हुआ। पूरा फैक्ट चेक यहां पढ़ा जा सकता है।
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