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सोशल मीडिया एक ऐसा माध्यम है जहां आये दिन फेक ख़बरों की भरमार लगी रहती है। यूजर गलत दावों को शेयर करते हैं और भ्रामक ख़बरें भी फैलाते हैं। इस सप्ताह भी ऐसा ही देखने को मिला। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों से लेकर कई कम्युनल मुद्दे सोशल मीडिया पर छाए रहे। हमारी टीम ने सोशल मीडिया पर वायरल हुए कुछ ऐसे ही फेक दावों की पड़ताल करके उनका सच दुनिया के सामने रखा है।
कोरोना को लेकर भारत के बारे में शेयर किया जा रहा यह वायरल दावा झूठा है
सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस को लेकर एक मैसेज काफी वायरल हो रहा है। जिसमें लिखा हुआ है, ‘अगले 20 घंटे भारत के लिए भारी, WHO ICMR की भारत को चेतावनी। भारत कल रात 11 बजे के बात ‘THIRD STEP” यानी ” कम्युनिटी ट्रान्शमिशन”में प्रवेश कर जायेगा। 15 APRIL तक लगभग 50000 (पचास हजार) तक मौतें हो सकती हैं। हमारी पड़ताल में वायरल दावा फेक साबित हुआ।
क्या यूपी का है युवती की बेरहमी से पिटाई का यह वायरल वीडियो?
सोशल मीडिया पर एक युवती की पिटाई का वीडियो वायरल था। जिसे शेयर करते हुए यह दावा किया गया कि उत्तर प्रदेश में युवती की बेरहमी से पिटाई की गई। हमारी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ।
क्या उत्तराखंड के जसपुर दरगाह पर चादर चढ़ाने पहुंचे हिन्दुओं की हुई पिटाई?
सोशल मीडिया पर उत्तराखंड के जसपुर दरगाह का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है। वीडियो में कुछ लोग लड़ाई करते हुए देखे जा सकते हैं। इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि चादर चढ़ाने गए कुछ हिन्दुओं को मज़ार के खादिमों ने दौड़ा-दौड़ा कर मारा। जब हमने वीडियो की जांच की तो पाया कि ये वीडियो भ्रामक दावे के साथ शेयर किया रहा है।
देश के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और शेख हसीना की तस्वीर गलत दावे के साथ हुई वायरल
सोशल मीडिया पर बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना कांग्रेस नेता सोनिया गाँधी की एक तस्वीर वायरल हो गई। तस्वीर में शेख हसीना के ठीक सामने सोनिया गांधी बैठी हुई हैं। जबकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कुछ अधिकारियों के साथ साइड में बैठे हुए नजर आ रहे हैं। तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि एक समय था जब सोनिया गांधी देश के पीएम मनमोहन सिंह को बांग्लादेश दौरे पर लेकर गई थीं। जब हमने वायरल दावे की जांच की तो पाया कि दो साल पुरानी तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
क्या यूपी में ग्राम प्रधानों को मिलेगा गजेटेड अफसरों के बराबर वेतन?
व्हाट्सएप पर एक अखबार की कटिंग शेयर की गई थी। अखबार की कटिंग में छपी हेडिंग के मुताबिक ग्राम प्रधानों को गजेटेड (राजपत्रित) अफसरों के बराबर वेतन मिलेगा। दावे का बारीकी से अध्ययन करने पर हमने पाया कि यूपी सरकार द्वारा ग्राम प्रधानों को गजेटेड अफसरों के बराबर वेतन दिए जाने सम्बन्धी वायरल हो रहा दावा फर्ज़ी है।
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