Authors
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.
सोशल मीडिया पर अखबार की एक कटिंग शेयर कर यह दावा किया गया कि एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) की डॉक्टर उमा कुमार के अनुसार कोरोना वायरस की दवाई आपके शरीर में ही है.
पिछले साल लगे लंबे लॉकडाउन के बाद कोरोना संक्रमण से लड़ने में देश एक अच्छी स्थिति में पहुंच चुका था. लेकिन पिछले कई महीनों से कोरोना के बढ़ते मामलों ने सरकार तथा देशवासियों की चिंता एक बार फिर बढ़ा दी है. हालांकि असम, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, केरल और तमिलनाडु में हो रहे विधानसभा चुनावों की वजह से देश में चुनावी सीजन चल रहा है. जगह-जगह रैलियां आयोजित हो रहीं हैं। जिनमे लोगों का एक बड़ा हुजूम एकत्र हो रहा है. इन रैलियों में अधिकांश लोग बिना मास्क के आ रहे हैं तथा कोरोना के खिलाफ जारी दिशा निर्देशों का भी पालन नहीं हो रहा है. ऐसे में देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि बहुत ज्यादा आश्चर्यचकित करने वाली नहीं है.
भारत सरकार ने इस साल के शुरुआती महीने में ही देश के नागरिकों को वैक्सीन लगाने का काम शुरू कर दिया है. सरकार ने वरीयता क्रम के अनुसार पहले फ्रंटलाइन कर्मियों, वृद्ध या किसी अन्य बीमारी से ग्रस्त लोगों को प्रथम प्राथमिकता में रखकर उन्हें वैक्सीन मुहैया कराने की घोषणा की थी. हाल ही में सरकार ने 45 वर्ष से ऊपर के आम नागरिकों को वैक्सीन लगाने की मंजूरी दी थी। जिसके बाद यह माना गया था कि देश की एक बड़ी आबादी अब कोरोना की वैक्सीन लगवा पायेगी. हालांकि देश की भारी आबादी के कारण पूरे देश को वैक्सीन लगाने में काफी समय लग सकता है. इसी बीच सोशल मीडिया पर अखबार की एक कटिंग तेजी से वायरल हो रही है. वायरल कटिंग में एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) की डॉक्टर उमा कुमार के हवाले से यह दावा किया गया है कि कोरोना वायरस की दवाई आपके शरीर में ही है.
Fact Check/Verification
कोरोना वायरस की दवाई मरीज के शरीर में होने का दावा करने वाले इस कटिंग की पड़ताल के लिए हमने “कोरोना वायरस की दवाई आपके शरीर” कीवर्ड्स की सहायता से वायरल कटिंग को फेसबुक, ट्विटर आदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ढूंढा। जहां हमें यह जानकारी मिली कि अखबार की यह कटिंग पिछले एक साल से शेयर की जा रही है. साथ ही साथ हमें यह भी जानकारी मिली कि अखबार की यही कटिंग एम्स की डॉक्टर उमा कुमार के अलावा अन्य कई लोगों के नाम पर भी शेयर की जा रही है.
कोरोना वायरस की दवाई मरीज के शरीर में होने का दावा करने वाले अखबार की इस कटिंग के कई वर्जन
अपनी पड़ताल के दौरान हमें कई ऐसे पोस्ट्स मिले जिसमें यही दावा एम्स की डॉक्टर उमा कुमार के अलावा दो अन्य लोगों के नाम भी शेयर किया जा रहा है। इनमें से एक प्राकृतिक चिकित्सक डॉक्टर मदन तथा दूसरी हरियाणा पुलिस में आईजी के पद पर तैनात डॉक्टर राजश्री सिंह हैं. इसके साथ ही हमने यह भी पाया कि वायरल कटिंग में कई व्याकरणीय गलतियां हैं, जो कि अमूमन प्रतिष्ठित न्यूज़ तथा मीडिया संस्थानों द्वारा प्रकाशित लेखों में देखने को नहीं मिलती हैं.
इसके बाद हमने एम्स की डॉक्टर उमा कुमार के बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया। जहां हमें डॉक्टर उमा कुमार के फेसबुक पेज पर अखबार की उक्त कटिंग में किये गए दावों को फर्जी बताते हुए शेयर किया गया एक फेसबुक पोस्ट मिला.
इसके बाद हमें डॉक्टर उमा कुमार द्वारा शेयर किये गए उपरोक्त फेसबुक पोस्ट से संबंधित एक लेख भी प्राप्त हुआ। जिसमें डॉक्टर उमा कुमार द्वारा उनके नाम पर झूठी जानकारी शेयर करने के लिए उनके द्वारा पुलिस में शिकायत की जानकारी दी गई है.
इसके बाद हमें BBC द्वारा इम्युनिटी से कोरोना का इलाज करने से संबंधित एक लेख प्राप्त हुआ। जहाँ यह जानकारी दी गई है कि इम्युनिटी बढ़ाने से कोरोना का इलाज संभव नहीं है. गौरतलब है कि BBC द्वारा प्रकाशित इस लेख में दी गई जानकारी एम्स की डॉक्टर उमा कुमार, प्राकृतिक चिकित्सक डॉक्टर मदन तथा हरियाणा पुलिस में आईजी के पद पर तैनात डॉक्टर राजश्री सिंह के हवाले से कोरोना वायरस की दवाई, आपके शरीर में ही होने का दावा करने वाला अखबार का यह कटिंग गलत साबित हो जाता है.
Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि कोरोना वायरस की दवाई आपके शरीर में ही होने का दावा करने वाला अखबार का यह कटिंग डिजिटल टूल्स का इस्तेमाल करके बनाया गया है. जिसमें किये जा रहे दावे भ्रामक है.
Result: False
Sources
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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.