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Common Myth
क्या आपको पता है शार्क इतनी बड़ी शिकारी होती है कि मीलोंं दूर से ही शिकार की पहचान कर लेती है। वो कोसों दूर से खून की एक बूंद को भी सूंघ लेती है।
Fact
ये कहना ग़लत नहीं है कि शार्क एक तेज़ और जानलेवा शिकारी है दूर से ही वो अपने शिकार को पहचान लेती है। शार्क समुद्र में अन्य प्राणियों में सबसे बेहतरीन शिकारी होती है। यह अपने खतरनाक जबड़े और दांत की मदद से शिकार करती है। पर ये कहना कि शार्क खून की एक बूंद भी मीलों दूर से सूंघ लेती है ज्यादा बढ़ा चढ़ा कर कहने वाली बातें हैं।
इंसानों के मुकाबले शार्क की सूंघने की क्षमता और सूंघने वाली प्रणाली काफी तेज़ होती हैं। शार्क की नाक इंसानों की नाक के उलट उनके थूथन के नीचे स्थित है, जो कि पूरी तरह से महक के लिए उपयोग किए जाते हैं, सांस लेने के लिए नहीं। इनमें ख़ास तरीके की कोशिकाएं (cell) मौजूद होते हैं जो गंध सूंघने का काम करते हैं। नाक से जब पानी होकर गुजरता है तो उसमें मिले रसायन की गंध के सिगनल ये कोशिकाएं दिमाग तक पहुंचाती हैं।
इन कोशिकाओं की संवेदनशीलता और ऑलफेक्ट्री बल्ब (घ्राण पिंड) का बड़ा आकार, शार्क कम से कम मात्रा में मौजूद कुछ रसायन की पहचान कर लेती हैं। शार्क की अलग-अलग प्रजातियों और रसायन के प्रकार पर भी सूंघने की क्षमता निर्भर करती है। जैसे एक घर के स्विमिंग पूल में मौजूद टूना मछली के तेल की 10 बूंदे भी लेमन शार्क सूंघ लेती है तो कई शार्क ऑलंपिक खेल के स्विमिंग पूल में 1 बूंद से भी शिकार का पता लगा लेती हैं। कई शार्क मीलों दूर से भी अपने शिकार की पहचान कर लेती हैं लेकिन ये पानी की बहती दिशा और तीव्रता पर भी निर्भर करता है।