Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
सोशल मीडिया पर कीचड़ में बैठकर पढ़ते हुए कुछ बच्चों के समूह की एक तस्वीर वायरल हो रही है। तस्वीर शेयर करने वाले यूज़र का दावा है कि यह दृश्य दुनिया की सबसे ऊँची मूर्ति वाले देश यानि भारत के एक स्कूल का है। जहां प्राइमरी स्कूल के बच्चे कीचड़ में बैठकर पढ़ रहे हैं।
फेसबुक पोस्ट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।
Fact check /Verification
फेसबुक पर पोस्ट हुई बच्चों के समूह की इस वायरल तस्वीर के साथ किये जा रहे दावे की सत्यता जानने के लिए हमने अपनी पड़ताल आरम्भ की। हमने सबसे पहले तस्वीर को रिवर्स इमेज टूल के माध्यम से खोजा। जिसके बाद हमें ट्विटर का एक पोस्ट प्राप्त हुआ। जिसे साल 2019 में पोस्ट किया गया था।
उपरोक्त प्राप्त ट्विटर पोस्ट में वायरल तस्वीर को पाकिस्तान का बताया जा रहा है। जिसके बाद हमने वायरल तस्वीर की सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए गूगल पर कुछ कीवर्ड्स की सहायता से खोजा। इस दौरान हमें एक और ट्वीट मिला जहां वायरल तस्वीर को दक्षिण पंजाब के लय्याह जनपद का बताया गया है। बता दें कि वायरल तस्वीर ट्वीटर पर 27 जनवरी साल 2017 को अपलोड हुई थी।
अब हमने जनपद लय्याह के बार में जानकारी प्राप्त करने के लिए खोजना शुरू किया। इस दौरान गूगल पर मिले परिणामों से हमें पता चला कि लय्याह जनपद पाकिस्तान देश में है।
इसके बाद वायरल तस्वीर की पुष्टि के लिए हमने गूगल पर और बारीकी से खोजा। खोज में हमें siasat.pk नाम की वेबसाइट पर वायरल तस्वीर प्राप्त हुई। तस्वीर को वेबसाइट पर 10 जनवरी साल 2015 को पोस्ट किया गया था। उक्त वेबसाइट पर भी इस दुर्लभ दृश्य को पाकिस्तान में स्थित पंजाब के एक स्कूल की स्थिति बताई है।
Conclusion
हमारी पड़ताल में पता चला कि यह तस्वीर साल 2015 की है और पाकिस्तान की है। भारत के साथ इसका कोई वास्ता नहीं है।
Result – Misleading
Our Sources
https://twitter.com/RehanZeb21/status/1197019045108895744
https://www.siasat.pk/forums/threads/condition-of-girls-primary-school-in-punjab.353528/
https://twitter.com/imrancfa/status/825043980924628992
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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.